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महाकुंभ ने नाई समाज की बदली तकदीर तीन गुना बढ़ी आमदनी
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महाकुंभ ने नाई समाज की बदली तकदीर तीन गुना बढ़ी आमदनी
प्रयागराज महाकुंभ 2025 ने नाई समाज के हजारों परिवारों की जिंदगी संवार दी है। संगम तट पर मुंडन संस्कार करने वाले नाइयों को इस महाकुंभ में खूब काम मिला, जिससे उनकी आमदनी तीन गुना तक बढ़ गई। तीर्थयात्रियों की ऐतिहासिक संख्या ने इस समाज के लिए कमाई के नए अवसर खोल दिए हैं।संगम तट पर मुंडन संस्कार करने वाले नाई परिवारों ने सामान्य दिनों की तुलना में कई गुना अधिक आमदनी अर्जित की, जिससे उनकी जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव आया।
संगम किनारे मुंडन संस्कार करने वाले नाई राम पाल शर्मा बताते हैं कि महाकुंभ से पहले आम दिनों में उनकी रोज़ की कमाई 400-500 रुपये होती थी, लेकिन कुंभ के दौरान यह बढ़कर 1,500-2,000 रुपये तक पहुंच गई। उन्होंने कहा की इस पैसे से अब घर के अधूरे काम पूरे कर सकेंगे। योगी महराज जैसा कुंभ करा दिया, वैसा सोचना भी मुश्किल था। सेक्टर 3 में बनाए गए नाई बाड़ा में सुबह से शाम तक काम में व्यस्त रहने वाले शिवराज शर्मा ने बताया कि इस बार श्रद्धालुओं ने खुले दिल से सेवा का फल दिया। उन्होंने कहा, "नाई समाज के लोग बेहद खुश हैं, हमें इतनी कमाई पहले कभी नहीं हुई।
प्रांतीय नाई ठाकुर सुधारक सभा के उपाध्यक्ष राम कुमार शर्मा ने बताया कि संगम तट पर 3,460 नाई परिवारों की रोजी-रोटी जुड़ी हुई है। इस बार विशेष रूप से नाई समाज के लिए सेक्टर 3 में एक नाई बाड़ा बनाया गया, जहां पूरे दिन समाज के लोगों को काम मिला।
संगम तट पर वर्षों से काम करने वाले बुजुर्ग नाई लक्ष्मण शर्मा ने बताया कि उनके जीवन में ऐसा अवसर पहली बार आया है। महाकुंभ में हजारों श्रद्धालु मुंडन संस्कार कराने आते हैं, लेकिन इस बार की भीड़ ऐतिहासिक रही। नाई समाज के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं।
महाकुंभ के दौरान अखाड़ों ने 5,000 से अधिक नए नागा संन्यासियों को दीक्षा दी। इनके मुंडन संस्कार के लिए नाई समाज को बड़ी संख्या में काम मिला, जिससे उनकी आमदनी में जबरदस्त इजाफा हुआ। सभा के अध्यक्ष राम भवन शर्मा ने कहा, "महाकुंभ के दौरान सामान्य दिनों की तुलना में तीन गुना अधिक कमाई हुई है, जिससे समाज की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है।"
महाकुंभ 2025 नाई समाज के लिए सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक बड़े आर्थिक अवसर के रूप में सामने आया। इससे हजारों परिवारों की आय में वृद्धि हुई और उन्हें बेहतर जीवन जीने का मौका मिला। संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाने आए श्रद्धालुओं की वजह से नाई समाज की झोली खुशियों से भर गई।स्थानीय प्रशासन और सरकार की ओर से नाइयों के लिए विशेष सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गईं। कुंभ क्षेत्र में उनकी कार्यस्थल तक पहुंच आसान बनाई गई, जिससे उन्हें ज्यादा श्रद्धालुओं तक अपनी सेवा पहुंचाने में मदद मिली।