नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
महाकुंभ संपन्न हुआ...एकता का महायज्ञ संपन्न हुआ। प्रयागराज में एकता के महाकुंभ में पूरे 45 दिनों तक जिस प्रकार 140 करोड़ देशवासियों की आस्था एक साथ, एक समय में इस एक पर्व से आकर जुड़ी, वो अभिभूत करता है! महाकुंभ के पूर्ण होने पर जो विचार मन में आए, उन्हें मैंने कलमबद्ध करने का प्रयास किया है। यह बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखी हैं। इसी के साथ पीएम ने अपना लिखा एक लेख भी एक्स पर शेयर किया है। इस लेख में महाकुंभ की तस्वीरें हैं जो इस आयोजन की दिव्यता और भव्यता को बयां कर रही हैं।
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एकता का महाकुंभ, युग परिवर्तन की आहट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिखे गए लेख का यही टाइटल है- एकता का महाकुंभ, युग परिवर्तन की आहट। मानों टाइटल में ही उन्होंने सब कुछ कह दिया। मोदी जी लिखते हैं महायज्ञ संपन्न हुआ, एकता का महायज्ञ संपन्न हुआ। जब एक राष्ट्र की चेतना जागृत होती है, जब वो सैकड़ों साल की गुलामी की मानसिकता के सारे बंधनों को तोड़कर नव चैतन्य के साथ हवा में सांस लेने लगता है तो ऐसा ही दृश्य उपस्थित होता है जैसा हमने प्रयागराज में एकता के महाकुंभ में देखा।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह भी याद किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ पर लिखे अपने इस लेख में 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में हुए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को भी याद किया है। उन्होंने कहा कि उस दिन मैनें देव भक्ति से देशभक्ति की बात कही थी। प्रयागराज महाकुंभ में सभी देवी देवता जुटे, संत महात्मा जुटे, बाल- वृद्ध जुटे, महिलाएं एवं युवा जुटे और हमने देश की जागृत चेतना का साक्षात्कार किया। यह महाकुंभ एकता का महाकुंभ था, जहां देश के 140 करोड़ देशवासियों की आस्था एक समय में इस एक पर्व से आकर जुड़ गई।
बोले- इसी क्षेत्र में श्रीराम- निषादराज का मिलन हुआ
पीएम मोदी ने लिखा है कि तीर्थराज प्रयाग के इसी क्षेत्र में एकता, समरसता और प्रेम का पवित्र क्षेत्र श्रृंगवेरपुर भी है। इसी क्षेत्र में प्रभु श्रीराम और निषादराज का मिलन हुआ था। उनके मिलन का प्रसंग इतिहास में दर्ज है और भक्ति व सदभाव के संगम की तरह ही है। प्रयागराज आज भी हमें एकता और समरसता की प्रेरणा देता है। अमीर- गरीब के समरसता, बाल- वृद्धों के बीच समरसता और गांव व शहर के बीच समरसता। सब एक महायज्ञ के लिए एकता के महाकुंभ में एक हो गए। अब इसी तरह एक होकर हमें विकसित भारत के महायज्ञ में जुटना है।
प्रोफेशनल्स के लिए अध्ययन का विषय बना महाकुंभ
प्रयागराज महाकुंभ का आयोजन आधुनिक युग के मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स के लिए, प्लानिंग और पॉलिसी एक्सपर्ट्स के लिए नए सिरे से अध्ययन का विषय बना है। पूरे विश्व में इस तरह के विराट और दिव्य आयोजन का उदाहरण नहीं है, कोई तुलना नहीं है। पीएम लिखते हैं कि पूरी दुनिया इस आयोजन को देखकर हैरान है। त्रिवेणी संगम पर करोड़ों की संख्या में लोग जुटे। बिना किसी औपचारिक निमंत्रण और पूर्व सूचना के ही लोग महाकुंभ की ओर चल पड़े। पवित्र संगम पर स्नान की भावनाओं का ज्वार लगातार बढ़ता ही रहा।
युवाओं का आगे आना बड़ा संदेश
पीएम मोदी लिखते हैं कि इस महाकुंभ में जिस तरह से युवा आगे बढ़े हैं, वह एक बड़ा संदेश है। इससे यह विश्वास दृढ़ होता है कि भारत की युवा पीढ़ी हमारे संस्कार और संस्कृति की वाहक है और इसे आगे ले जाने का दायित्व भी समझती है। युवा संस्कार और संस्कृति के प्रति समर्पित और संकल्पित हैं। पीएम ने कहा कि अमेरिका की आबादी के दोगुने लोगों ने महाकुंभ में पवित्र संगम पर स्नान किया। आध्यात्मिक क्षेत्र में रिसर्च करने वाले लोग करोड़ों भारतवासियों के इस उत्साह पर अध्ययन करेंगे तो पाएंगे कि अपनी विरासत पर गर्व करने वाला भारत अब एक नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है।