लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
महाकुंभ 2025 का दिव्य आयोजन प्रयागराज की धार्मिक महिमा को बढ़ावा देने के साथ साथ शहर की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा। 45 दिनों तक चलने वाले इस महाकुंभ ने होटल, रेस्टोरेंट, टूर और ट्रैवेल इंडस्ट्री, और खुदरा व्यापारियों को विशेष लाभ पहुंचाया। महाकुंभ के बाद, शहरवासियों की बढ़ी हुई आय रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और लक्जरी सामान के व्यापार को बढ़ावा देगी। अनुमान जताया जा रहा है कि महाकुंभ से आय में आई वृद्धि प्रयागराज की अर्थव्यवस्था को 200 से 300 प्रतिशत तक सशक्त बना सकती है। साथ ही सरकार के दृष्टिकोण के अनुसार महाकुंभ के बाद भी प्रयागराज में आध्यात्मिक पर्यटन में वृद्धि की संभावना है।
प्रयागराज की अर्थव्यवस्था को मिलेगा बूस्ट
महाकुंभ का आयोजन सिर्फ आध्यात्मिक दृष्टिकोण से ही महत्वपूर्ण नहीं रहा, बल्कि यह प्रयागराजवासियों के लिए आर्थिक दृष्टिकोण से भी एक वरदान साबित हुआ है। 45 दिनों के दौरान 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालु शहर पहुंचे, जिससे होटल, रेस्टोरेंट, टूर एंड ट्रैवल इंडस्ट्री, और अन्य खुदरा व्यापारियों को 30 से 40 गुना अधिक मुनाफा हुआ। संगम क्षेत्र में नाव चालकों, रिक्शा चालकों, और अन्य छोटे व्यापारियों को भी जबरदस्त आय हुई। प्रयागराज व्यापार मंडल के जनरल सेक्रेटरी, शिव शंकर सिंह का मानना है कि इस बढ़ी हुई आय से शहर की अर्थव्यवस्था में आने वाले समय में 200 से 300 प्रतिशत तक की वृद्धि संभव है।
महाकुंभ के बाद भी बढ़ेगा आध्यात्मिक टूरिज्म
जनरल सेक्रेटरी शिव शंकर सिंह ने यह भी बताया कि महाकुंभ से बढ़ी हुई आय जब स्थानीय बाजारों में आएगी, तो यह पूरे शहर की अर्थव्यवस्था को संजीवनी देगी। इसके परिणामस्वरूप रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और लक्जरी सामान के बाजार में भी वृद्धि देखने को मिलेगी। साथ ही, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आध्यात्मिक और घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना के तहत प्रयागराज में आने वाले समय में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। महाकुंभ के दौरान बनाए गए 12 कॉरिडोर और संगम क्षेत्र में बने पक्के घाटों से शहर की कनेक्टिविटी बेहतर हुई है, जिससे भविष्य में पर्यटन क्षेत्र को और बढ़ावा मिलेगा। इसका सीधा लाभ प्रयागराज और उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में नजर आएगा।