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Russia-Iran Ties: ईरानी राष्ट्रपति ने पुतिन से की मुलाकात, दोनों देशों के बीच अहम समझौते पर हस्ताक्षर

Russia-Iran Ties: पुतिन और ईरानी राष्ट्रपति की यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब ईरान बड़े आर्थिक संकट के साथ-साथ अन्य समस्याओं से भी जूझ रहा है।

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Kamal K Singh
PUTIN MASAUD PARMANU HATHIYAR
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नई दिल्ली,वाईबीएन नेटवर्क।

एक तरफ रूस यूक्रेन के साथ युद्ध में उलझा हुआ है। वहीं दूसरी तरफ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन विश्व नेताओं से मिलकर नया गठबंधन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले शुक्रवार को पुतिन ने ईरान के राष्ट्रपति मसूद पाजेस्कियन से मुलाकात की।

पुतिन और ईरानी राष्ट्रपति की यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब ईरान बड़े आर्थिक संकट के साथ-साथ अन्य समस्याओं से भी जूझ रहा है। आधिकारिक कार्यक्रम के अनुसार मसूद पाजेस्कियन ने क्रेमलिन की दीवार पर अज्ञात सैनिक की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत की।

पुतिन ने गर्मजोशी से स्वागत किया

पुतिन ने ईरानी राष्ट्रपति मसूद पाजेस्कियन का भी गर्मजोशी से स्वागत किया। बैठक के बाद पुतिन ने कहा कि यह नई संधि सभी क्षेत्रों में हमारे सहयोग को अतिरिक्त महत्व देगी। ईरान और रूस के बीच यह संधि दुनिया के बदलते समीकरण में एक नया मील का पत्थर बन सकती है।

इस मुलाकात के बाद ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि हम अपने संबंधों को बेहतर बनाने पर काम कर रहे हैं। हम कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों पर चर्चा कर रहे हैं जो मॉस्को के साथ हमारे संबंधों में एक नया मोड़ लाएंगे। इस बातचीत के दौरान पाजेस्कियन ने रणनीतिक महत्व पर विशेष जोर दिया।

पुतिन के साथ छह महीने में तीसरी मुलाकात 

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जुलाई में हुए चुनावों के बाद से पुतिन के साथ ईरानी राष्ट्रपति मसूद पजेशकियन की यह तीसरी मुलाकात है। दूसरी ओर, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच हस्ताक्षरित “व्यापक रणनीति संधि” में व्यापार और सैन्य सहयोग के साथ-साथ विज्ञान, शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र शामिल हैं।

आपको बता दें कि रूस और ईरान के बीच यह समझौता अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह से पहले हुआ है। यहां चौंकाने वाली बात यह है कि ट्रंप पहले ही यूक्रेन में शांति और ईरान के खिलाफ अपने सख्त रुख की बात कह चुके हैं।

हालांकि इस मामले पर दोनों देशों की ओर से यह स्पष्ट किया गया कि इस संधि समझौते का ट्रंप के शपथ ग्रहण से कोई लेना-देना नहीं है, यह कार्यक्रम काफी पहले ही तय हो चुका था। लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि ट्रंप के आने से दुनिया के समीकरणों में बदलाव आएगा।

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