लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
महाकुंभ के पावन अवसर पर शनिवार को तमिलनाडु के राज्यपाल रविंद्र नारायण रवि ने संगम में पवित्र स्नान कर महापर्व की आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव किया। उन्होंने तमिलनाडु समेत पूरे देश की सुख-समृद्धि और जनकल्याण के लिए विशेष प्रार्थना की। राज्यपाल ने कहा कि महाकुंभ केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक है, जो ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को सशक्त करता है।
सनातन संस्कृति की जीवंत अभिव्यक्ति
राज्यपाल रवि ने महाकुंभ को सनातन संस्कृति की जीवंत परंपरा बताते हुए कहा कि यह पर्व भारत की एकता और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भारत की आत्मा इसकी सनातन परंपराओं में बसती है और महाकुंभ उन परंपराओं को जीवंत बनाए रखता है। यह आयोजन पूरे देश को आध्यात्मिकता और एकता के सूत्र में बांधता है।
60 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। अब तक 60 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। यह संख्या महाकुंभ की भव्यता और इसकी आध्यात्मिक महत्ता को दर्शाती है। राज्यपाल ने कहा कि यह पर्व न केवल आत्मिक शुद्धि का माध्यम है, बल्कि विश्व कल्याण की भावना को भी सशक्त करता है।
भारत की आध्यात्मिक चेतना का केंद्र
राज्यपाल ने कहा कि महाकुंभ भारत की आध्यात्मिक चेतना का केंद्र है। यहां करोड़ों श्रद्धालु आत्मिक शांति और मोक्ष की कामना लेकर संगम तट पर एकत्र होते हैं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह भारतीय परंपराओं और मूल्यों का महोत्सव है, जो पूरी दुनिया को शांति और आध्यात्मिकता का संदेश देता है।