Mahakumbh Photograph: (Social Media)
महाकुंभ के दौरान लाखों श्रद्धालुओं की आस्था के संगम में उत्तर प्रदेश पुलिस, पीएसी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अग्निशमन के कर्मियों ने अपनी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया। सरकार के निर्देश पर चलाए गए विशेष अभियान के तहत, इन कर्मियों ने 15 देशों और 20 से अधिक राज्यों से आए श्रद्धालुओं को उनके परिवारों से फिर से मिलवाया।
कार्यकुशलता और सेवा भावना की सराहना
इन जवानों ने न केवल खोए हुए सामान, जैसे कि नकदी, आईफोन, गहने आदि, वापस लौटाए, बल्कि बीमार श्रद्धालुओं को तत्काल अस्पताल भेजा और प्राथमिक चिकित्सा भी दी। इसके अलावा, बुजुर्ग श्रद्धालुओं को संगम में स्नान करने में मदद की और सीपीआर जैसे जीवन रक्षक उपाय किए। इस कार्यकुशलता और सेवा भावना की सराहना न सिर्फ भारत में, बल्कि रूस, अमेरिका और जर्मनी जैसे देशों तक भी पहुंची।
जान की परवाह किए बिना श्रद्धालुओं की मदद
इन जवानों ने महाकुंभ में खोए हुए श्रद्धालुओं को उनके परिवारों से मिलवाने का अद्वितीय प्रयास किया गया। प्रभारी पुलिस महानिरीक्षक पीएसी पूर्वी जोन, डॉ. राजीव नारायण मिश्र ने बताया कि जवानों ने बिना अपनी जान की परवाह किए महाकुंभ में श्रद्धालुओं की मदद की। उनकी ईमानदारी और सेवा की सराहना अब दुनियाभर में हो रही है, और विदेशी श्रद्धालु भी सरकार की कार्यकुशलता की तारीफ कर रहे हैं।
केस 1
17 फरवरी को मेले में जयपुर, राजस्थान के पुष्पेन्द्र सिंह शेखावत अपनी पत्नी, दिनेश राठौर के साथ पहुंचे। उनका पर्स जिसमें दो आईफोन और 69 हजार रुपए नकद, सोने की चेन, दो अंगूठियां व एटीएम कार्ड खो गया। ड्यूटी चेकिंग के दौरान 42वीं वाहिनी पीएसी नैनी प्रयागराज के शिविरपाल अरविन्द कुमार सिंह ने अरैल घाट से इसे खोजा। फिर पर्स में मिले मोबाइल से श्रद्धालु से सम्पर्क किया और उन्हें बुलाकर पर्स सौंप दिया।
केस 2
राजकुमारी यादव निवासी भानसोच, आरंग, रायपुर छत्तीसगढ़ की अचानक तबीयत बिगड़ी। जिन्हें 15वीं वाहिनी पीएसी आगरा डी दल के आरक्षी प्रशांत कुमार और रवेन्द्र सिंह ने तत्काल एम्बुलेंस बुलाकर उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट कराया।
केस 3
29 जनवरी को रुस की रीता अपने साथियों के साथ संगम स्नान के लिए जा रही थी। रात के समय वह अपने साथियों से बिछड़कर भटक गई और पाल बस्ती मवैया में पहुंच गई। तभी ड्यूटी पर मौजूद 33वीं वाहिनी पीएसी झांसी ई दल के आरक्षी अमरदीप ने उनके साथियों से मिलाया।
केस 4
15 जनवरी को जर्मनी से आए हुए विदेशी श्रद्धालु रास्ता भटक गए। उन्हें नवावगंज जाना था। डयूटी पर उपस्थित 28वीं वाहिनी पीएसी इटावा एच दल के आरक्षी राजू सिंह ने उन्हें नवावगंज पहुंचाने में मदद की।
केस 5
15 जनवरी को बंगलुरु से आई महिला श्रद्धालु शोभा को चोट लगने पर 33वीं वाहिनी पीएसी झांसी एफदल के आरक्षी सुरजीत यादव ने एम्बुलेंस की मदद से अस्पताल पहुंचाया। उन्हें प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराई गई।
केस 6
24 जनवरी को संगम मार्ग पर विवेक भारती को कार चलाते समय मिर्गी का दौरा पड़ा। ड्यूटी पर तैनात 47वीं वाहिनी पीएसी गाजियाबाद जी दल के आरक्षी गुरदीप, कपिल कुमार उन्हें अस्पताल ले गए और उपचार कराया गया। उनके घर वालों को सूचना दी और ठीक होने पर कार के साथ घर भेजा।