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कन्या भोज कराती बबीता Photograph: (moradabad )
शहर में आज दुर्गा पूजन पर कन्या पूजन के साथ माँ दुर्गा के आठवें स्वरूप की भी पूजा की, बता दे कि मुरादाबाद के हर मंदिर में कन्या पूजन हुआ , मंदिरो में छोटी छोटी कन्याओं को देवी दुर्गा के रूप में सम्मानित किया गया। कुछ लोगों ने आज अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन कर अपने व्रत खोले।
चैत्र नवरात्रि की अष्टमी और नवमी का बहुत महत्व मना जाता है, नवरात्र के आठवे दिन यानी आज सभी भक्तों ने माता महागौरी की पूजा की जिसके बाद कुछ लोगों ने अष्टमी को ही कन्या पूजन करा कर अपने व्रत खोले, वहीं कुछ लोग नवमी को कन्या पूजन करते है। बता दे कि अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी और महाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। नवरात्र के आठवे दिन माँ दुर्गा के आठवें स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है।
जाने क्या है दुर्गा अष्टमी पूजन का महत्व
क्या है कन्या पूजन का महत्व
नवरात्रि के दौरान कन्या पूजा करना काफी शुभ माना जाता है, कन्याओं का पूजन हम उन्हें देवी मानकर करते है। कन्याओं कप पूजन करना देवी माँ के प्रति मान सम्मान को दर्शाता है। कन्या पूजन करने से माता दुर्गा की कृपा हमेशा भक्तों पर बरसती रहती है और उनके जीवन में सुख समृद्धि आती है।
कन्या पूजन के क्या है नियम :
कन्या पूजन करते समय एक बात का खाश ध्यान रखना चाहिए कि पूजन में बैठने वाली कन्याओं कि आयु 2 से 10 वर्ष के बीच ही होनी चाहिए और कन्याओं कि संख्या 9 होनी चाहिए। कन्या पूजन के दौरान एक बटुक (लांगुर) जरूर होना चाहिए
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