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Diarrhea program:पांच साल तक के बच्चों को डायरिया से सुरक्षित बनाना प्राथमिकता

पांच साल तक के बच्चों को डायरिया से सुरक्षित बनाने के लिए जनपद में अनूठी जनस्वास्थ्य पहल की गई है। यह पहल सरकार के ‘स्टॉप डायरिया’ अभियान में मददगार साबित होगी

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Mukesh Pandit
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कार्यक्रम का शुभारम्भ CMO डॉ. कुलदीप सिंह ने किया। Photograph: (X)

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मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता।

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 पांच साल तक के बच्चों को डायरिया से सुरक्षित बनाने के लिए जनपद में अनूठी जनस्वास्थ्य पहल की गई है। यह पहल सरकार के ‘स्टॉप डायरिया’ अभियान में मददगार साबित होगी, जिसका लक्ष्य दस्त के कारण होने वाली बच्चों की मौत की दर को शून्य पर लाना है। इसके तहत स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में पापुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल इंडिया (पीएसआई-इंडिया) संस्था व केनव्यू कम्पनी के सहयोग से ‘डायरिया से डर नहीं’ कार्यक्रम चलाया जाएगा। कार्यक्रम का शुभारम्भ बृहस्पतिवार को एक स्थानीय होटल में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. कुलदीप सिंह ने किया।

बच्चों को डायरिया से सुरक्षित बनाना प्राथमिकता

 कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि शून्य से पांच साल तक के बच्चों को डायरिया से सुरक्षित बनाना स्वास्थ्य विभाग की प्राथमिकता में शामिल है, क्योंकि इस आयु वर्ग के बच्चों की होने वाली कुल मौत का एक प्रमुख कारण डायरिया भी है। डायरिया को नियंत्रित करने में ओआरएस बहुत ही कारगर है, बस जरूरत है कि उसे सही तरीके से बनाया जाए और सही मात्रा में समय से बच्चे को दिया जाये। पीएसआई इंडिया द्वारा आशा, एएनएम व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और महिला आरोग्य समितियों के सदस्यों के बेहतर प्रशिक्षण से इस बारे में समुदाय में निश्चित रूप से जागरूकता आएगी। “डायरिया से डर नहीं” कार्यक्रम से डायरिया रोको अभियान को भी और बल मिलेगा। 

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“डायरिया से डर नहीं” कार्यक्रम

पीएसआई-इंडिया के जनरल मैनेजर विवेक द्विवेदी और मीनाक्षी दीक्षित ने कहा कि “डायरिया से डर नहीं” कार्यक्रम का उद्देश्य समुदाय में जागरूकता बढ़ाना और व्यवहार परिवर्तन को प्रोत्साहित करना है ताकि बच्चों में दस्त प्रबन्धन को प्रभावी बनाया जा सके। आशा कार्यकर्ताओं, सेवा प्रदाताओं और देखभाल करने वालों की क्षमता निर्माण में सहायता करना, जो इस स्थिति के प्रबन्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। पीएसआई इंडिया के सीनियर मैनेजर प्रोग्राम अनिल द्विवेदी ने बताया कि कार्यक्रम के तहत आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और महिला आरोग्य समितियों के सदस्यों को प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्हें डायरिया की सही पहचान और बचाव के बारे में बताया जाएगा। ओआरएस की महत्ता समझाई जाएगी। इसके अलावा मीडिया के हर प्लेटफार्म का इस्तेमाल करते हुए डायरिया के लक्षण, कारण और नियन्त्रण सम्बन्धी जरूरी सन्देश जन-जन में प्रसारित किया जाएगा।

हैण्डवाशिंग की सही विधि का प्रशिक्षण दिया जाएगा

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सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) सामग्री अस्पतालों के प्रमुख स्थलों पर प्रदर्शित की जाएगी। फ्रंटलाइन वर्कर को काउंसिलिंग के प्रमुख बिन्दुओं और हैण्डवाशिंग की सही विधि के बारे में भी प्रशिक्षित किया जाएगा। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार (आईसीडीएस) और शिक्षा विभाग के साथ ही अन्य विभागों को भी कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा। निजी क्षेत्र के चिकित्सकों और अस्पतालों को भी कार्यक्रम से जोड़कर ओआरएस कार्नर स्थापित करने और डायरिया के केस की रिपोर्टिंग करने के लिए प्रेरित किया जायेगा। ‘डायरिया से डर नहीं’ कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के सात जिलों बदायूं, फिरोजाबाद, मुरादाबाद, मथुरा, उन्नाव, गोंडा और श्रावस्ती के साथ बिहार के तीन जिलों सुपौल, पूर्णिया और दरभंगा में पीएसआई इंडिया और केनव्यू के सहयोग से चलाया जायेगा। 

डायरिया की शुरुआत में ही पहचान की जाए

 इस मौके पर उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस.के.बेलवाल ने कहा कि यदि डायरिया की शुरुआत में ही पहचान कर सही मात्रा में ओआरएस दिया जाए तो गंभीर स्थिति तक पहुँचने से बच्चे को बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र में तो अब लिक्विड के रूप में निर्मित ओआरएस का घोल भी उपलब्ध है। जिला कार्यक्रम प्रबन्धक रघुबीर सिंह ने कहा कि 24 घंटे में यदि तीन बार पतली दस्त आ रही है तो यह डायरिया के लक्षण हो सकते हैं और यह लम्बे समय तक बनी रहे तो यह गंभीर डायरिया का रूप ले सकती है।

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ये हुए कार्यक्रम में शामिल

इंडियन एकेडमी ऑफ़ पीडियाट्रिक्स के डॉ. के.जी. गुप्ता और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रवि गांगल ने कहा कि निजी क्षेत्र के अस्पतालों को डायरिया से डर नहीं कार्यक्रम से जोड़ने से डायरिया के नियन्त्रण में निश्चित रूप से सफलता मिलेगी। इस मौके पर आईसीडीएस से प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी जानकी देवी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. निर्मला पाठक, जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र कुमार, चीफ फार्मेसिस्ट संदीप बडोला, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से डॉ. ईशान, यूनिसेफ से रोहित कुमार, जेएसआई से रजनी त्यागी, राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के डिविजनल कंसलटेंट राजीव कुमार, डीसीपीएम चन्द्र शेखर, राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के समन्वयक प्रमोद कुमार, पीएसआई इंडिया से गीतिका, रिजवान आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन पीएसआई इंडिया के जनरल मैनेजर विवेक द्विवेदी ने किया। कार्यक्रम का संचालन पुनीत जैन ने किया।

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