मुरादाबाद वाईवीएन संवाददाता। जनपद में मेडिकल संचालक धड़ल्ले से गर्भपात और नशे की दवाओं की बड़े पैमाने पर बिक्री की जा रही है। स्वास्थ्य मानकों को दरकिनार कर बिना किसी चिकित्सकीय परामर्श के इन दवाओं की बिक्री हो रही है। विभिन्न रोगों में काम आने वाली कई दवाओं में हल्का नशा भी होता है। लोग इनकी खुराक बढ़ाकर नशा करने में प्रयुक्त करते हैं। जिनमें डायजापाम, एल्प्राजोलाम और स्पास्मो प्रोक्सीवोन इसी श्रेणी की दवाएं हैं। इनका दुरुपयोग रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने बिना चिकित्सकीय परामर्श के इनकी बिक्री पर रोक लगाई हुई है।
नशीले पदार्थों के इंजेक्शन भी धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं
वहीं स्टोर संचालक को इनकी बिक्री का पूरा रिकार्ड रखना होता है। ड्रग डिपार्टमेंट की लापरवाही और मनमानी से जनपद में नशे का धंधा धड़ल्ले से फल-फूल रहा है। नशे की दवाओं के साथ गर्भपात की दवाओं की भी खुलेआम बिक्री की जा रही है। इन दवाओं के सेवन से महिलाओं के अंदर विकार उत्पन्न हो रहे हैं। इसके साथ नशीले पदार्थों के इंजेक्शन भी धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं। जनपद के नगर समेत देहात क्षेत्रों में भी नियमों की अनदेखी हर मेडिकल स्टोर पर की जा रही है। गर्भपात की किट एक से डेढ़ हजार रुपये में बिक रही है। इसी तरह से नशे की गोलियां-कैपसूल और इंजेक्शन 20 से 30 गुना मूल्य पर मिल रहे हैं।
इनकी सबसे ज्यादा बिक्री देहात क्षेत्रों में की जा रही है। स्टोर संचालक मनमाने तरीके से इनकी बिक्री करते हैं। गर्भपात की किट चार-पांच महीने तक की गर्भवतियों को दी जा रही हैं। लेकिन अभी तक प्रशासन की तरफ से कोई भी ठोस कदम नही उठाया गया है।
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