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Moradabad: सांप के काटने से बचाव के लिए मुरादाबाद तैयार, अस्पतालों में दवा स्टॉक बढ़ाया गया

Moradabad: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में गर्मी और उमस बढ़ने के साथ ही सांप निकलने की घटनाओं में तेजी आई है। ऐसे में सर्पदंश (सांप के काटने) की बढ़ती आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन सतर्क हो गया है।

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shivi sharma
वाईबीएन

Photograph: (MORADABAD )

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मुरादाबाद वाईवीएन संवाददाता।उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में गर्मी और उमस बढ़ने के साथ ही सांप निकलने की घटनाओं में तेजी आई है। ऐसे में सांप के काटने की बढ़ती आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। मंडल स्तरीय जिला अस्पताल सहित सभी सीएचसी और पीएचसी में सर्पदंश के इलाज के लिए जरूरी एंटी स्नेक वेनम की व्यवस्था बढ़ाई जा रही है।

एंटी स्नेक वेनम की 1500 वाइल प्राप्त की जा चुकी हैं

डेढ़ हजार वाइल की आपूर्ति केंद्रीय ड्रग स्टोर के प्रभारी त्रिवेंद्र चौहान ने जानकारी दी कि लखनऊ स्थित कार्पोरेशन से एंटी स्नेक वेनम की 1500 वाइल प्राप्त की जा चुकी हैं। इन वाइल को जिला अस्पताल, सीएचसी और पीएचसी में वितरित किया जा रहा है ताकि सर्पदंश के पीड़ितों को समय रहते इलाज मिल सके।

पीड़ित व्यक्ति को एक बार में पांच से दस इंजेक्शन लगाए जाते हैं

इलाज में पांच से दस इंजेक्शन जरूरी जिला अस्पताल के चिकित्साधीक्षक डॉ. राजेंद्र कुमार ने बताया कि सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति को एक बार में पांच से दस इंजेक्शन लगाए जाते हैं। यदि सांप का जहर अधिक मात्रा में शरीर में फैल गया हो तो इससे भी अधिक इंजेक्शनों की जरूरत पड़ सकती है। यदि दो घंटे के भीतर मरीज की हालत में सुधार नहीं होता, तो एक साथ कई इंजेक्शन देने की आवश्यकता हो सकती है।

दूरदराज के गांवों में अब भी कुछ लोग झाड़-फूंक का सहारा लेते हैं

बढ़ रही है जागरूकता, घट रही झाड़-फूंक पर निर्भरता चीफ फार्मासिस्ट पंकज पांडेय के अनुसार, लोगों में जागरूकता बढ़ने से अब अधिकांश लोग सर्पदंश के बाद झाड़-फूंक के बजाय पीड़ित को सीधे अस्पताल पहुंचा रहे हैं। हालांकि, दूरदराज के गांवों में अब भी कुछ लोग झाड़-फूंक का सहारा लेते हैं, जिससे जहर फैलने की स्थिति में मरीज की मौत होने के मामले सामने आ रहे हैं।

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मृत्यु पर चार लाख का मुआवजा सरकार की ओर से सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु पर चार लाख रुपये के मुआवजे का प्रावधान किया गया है। प्रशासन लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चला रहा है ताकि समय पर इलाज देकर कीमती जानें बचाई जा सकें।

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