Advertisment

Moradabad: टीएमयू students को बताईं नर्सिंग की नई techniques

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद की डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन ने स्मार्ट आईवी ड्रिप मॉनिटरिंग, एआई-संचालित प्रारंभिक सेप्सिस पहचान, दर्द प्रबंधन के लिए वर्चुअल रियलिटी तकनीक आदि के बारे में नर्सिंग स्टुडेंट्स को गहनता से समझाया।

author-image
Anupam Singh
fghgj m

जानकारी देते टीएमयू के स्टूडेंटस।

वाईबीएन संवाददाता।

Advertisment

तीर्थंकर पार्श्वनाथ नर्सिंग कॉलेज की ओर से डिजाइन थिंकिंग, क्रिटिकल थिंकिंग और इनोवेशन डिजाइन पर कार्यशाला आयोजित

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद की डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन ने स्मार्ट आईवी ड्रिप मॉनिटरिंग, एआई-संचालित प्रारंभिक सेप्सिस पहचान, पोर्टेबल डायलिसिस मशीन, मोबाइल हेल्थ क्लिनिक्स, दर्द प्रबंधन के लिए वर्चुअल रियलिटी तकनीक आदि के बारे में नर्सिंग स्टुडेंट्स को गहनता से समझाया। साथ ही उन्होंने डिजाइन थिंकिंग के विभिन्न चरणों, क्रिटिकल थिंकिंग के व्यावहारिक अनुप्रयोग और इनोवेशन डिज़ाइन के नवीनतम ट्रेंड्स पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने स्टुडेंट्स रचनात्मक और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया।

यह भी पढ़ें: Moradabad: एमडीए उपाध्यक्ष शैलेश कुमार ने कहा, जो नक्शे पास हो चुके हैं उन पर कोई रोक नहीं

Advertisment

प्रो. मंजुला ने नर्सिंग में उभरती नई तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, 3डी प्रिंटर और अन्य अत्याधुनिक नवाचारों के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया, ये तकनीकें नर्सिंग प्रैक्टिस में क्रांतिकारी बदलाव लाने के संग-संग स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक प्रभावी बना सकती हैं। प्रो. जैन तीर्थंकर पार्श्वनाथ नर्सिंग कॉलेज, अमरोहा की ओर से डिज़ाइन थिंकिंग, क्रिटिकल थिंकिंग और इनोवेशन डिज़ाइन पर आयोजित वर्कशॉप में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहीं थीं। इस अवसर पर नर्सिंग की डीन प्रो. एसपी सुभाषिनी, तीर्थंकर पार्श्वनाथ नर्सिंग कॉलेज, अमरोहा की प्रिंसिपल प्रो. श्योली सेन आदि की गरिमामयी मौजूदगी रही। अंत में प्रश्नोत्तर सत्र में स्टुडेंट्स ने अपनी जिज्ञासाएं व्यक्त की, जिनका विशेषज्ञों ने समाधान किया। 

यह भी पढ़ें: मुरादाबाद में शिर्डी साईं पब्लिक स्कूल के बच्चों को कार ने कुचला, कई घायल

प्रो. जैन बोलीं, स्मार्ट आईवी ड्रिप मॉनिटरिंग तकनीक में सेंसर्स द्रव प्रवाह दर- फ्लो रेट और मात्रा की निगरानी करते हैं। इससे नर्सों का कार्यभार कम होता है। एआई-संचालित प्रारंभिक सेप्सिस पहचान तकनीक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित है। इसमें पेशेंट के संकेतों और चिकित्सीय डेटा का विश्लेषण करके सेप्सिस के शुरुआती लक्षणों को जल्दी पहचान कर समय पर उपचार करके पेशेंट की लाइफ को बचाया जा सकता है। पोर्टेबल डायलिसिस मशीनें किडनी रोगियों के लिए वरदान साबित हो रही हैं। ये मशीनें हल्की, कॉम्पैक्ट और उपयोग में सरल होती हैं, जिससे मरीज घर पर ही आसानी से डायलिसिस कर सकते हैं। मोबाइल हेल्थ क्लिनिक्स दूर-दराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने का एक प्रभावी माध्यम हैं।

Advertisment

दर्द प्रबंधन के लिए वर्चुअल रियलिटी तकनीक में वीआर उपकरण रोगियों को एक आभासी दुनिया में ले जाकर उनका ध्यान दर्द से हटाने में मदद करते हैं। वर्कशॉप में समन्वयक  मुकुल कुमार, फैकल्टीज़- शालू उपाध्याय, अंकिता चौहान,  नित्या अवस्थी, प्रशांत सिंह, छाया राठौर, दीक्षा यादव, शशि राजपूत और आरुषि सक्सेना के संग-संग बीएससी नर्सिंग के छात्र-छात्राएं शामिल रहे। संचालन फैकल्टी सिद्धेश्वर अंगड़ी ने किया।

Advertisment
Advertisment