मुरादाबाद वाईवीएन संवाददाता। मुरादाबाद सिर्फ पीतल के लिए नहीं, बल्कि अपने लज़ीज़ खाने के लिए भी जाना जाता है। यहां की गुरहट्टी में एक दुकान ऐसी है जिसने पिछले 30 वर्षों में हजारों लोगों का दिल अपने स्वाद से जीत लिया है नाम है ‘मुल्तानी छोले चावल’।
स्वाद में एक खास पंजाबी तड़का मिलता
यह दुकान कोई आम ठेला नहीं, बल्कि एक स्वाद की परंपरा है, जिसकी नींव ठाकुरदास गुरु ने करीब तीन दशक पहले रखी थी। उनके निधन के बाद उनके शिष्य टीकाराम यादव ने इसे न सिर्फ संभाला बल्कि आगे बढ़ाया। आज उनके साथ उनके बेटे नीरज यादव भी इस स्वाद की विरासत को जी रहे हैं। ‘मुल्तानी छोले चावल’ नाम अपने आप में कहानी कहता है। गुरुजी मूल रूप से पाकिस्तान के मुल्तान से थे और वहीं की पारंपरिक पंजाबी रेसिपी को उन्होंने भारत में अपनाया। यही वजह है कि छोले चावल के इस स्वाद में एक खास पंजाबी तड़का मिलता है, जिसमें देसी घी, टमाटर, पनीर, मेथी, पालक, प्याज़, अनारदाना और अमचूर जैसे कई देसी मसालों का मेल होता है।
सूप को पीने के लिए खास तौर पर लोग दुकान पे आते है
टीकाराम यादव कहते हैं, हम अपने सारे मसाले खुद चुनते हैं, उन्हें घर पर तैयार करते हैं ताकि स्वाद में कोई समझौता न हो। यही वजह है कि यह व्यंजन सिर्फ मुरादाबाद ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों से आने वाले ग्राहकों के बीच भी खासा लोकप्रिय है। इस दुकान की एक और खास बात है यहां मिलने वाला फ्री सूप। चने और हींग से बना यह सूप स्वाद में तो बेहतरीन है ही, साथ ही सेहत के लिहाज़ से भी फायदेमंद माना जाता है। लोग इस सूप को पीने के लिए खास तौर पर दुकान का रुख करते हैं।
गुरहट्टी की संकरी गलियों में बसी यह दुकान एक छोटी सी जगह से शुरू होकर आज स्वाद की बड़ी पहचान बन चुकी है। 'मुल्तानी छोले चावल' सिर्फ एक व्यंजन नहीं बल्कि एक परंपरा है जो स्वाद इतिहास और आत्मीयता का संगम है।
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