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अर्थी को कांधा देते मुस्लिम युवक।
एक ओर प्रदेश के सियासतदान हिंदू और मुस्लिम में वैमनस्यता बढ़ाने के लिए जहां तकरीरें करते हैं। वहीं दूसरी ओर आमजन में शामिल कुंदरकी कस्बे के मुसलमानों ने सियासतदानों के लिए एक नजीर पेश की है। यहां के मुसलमानों ने राजस्थान के मूल निवासी संतोष का अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाज व पूजा पद्धित से की और मुसलमानों ने कांधा भी दिया।
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दरअसल मूलरूप से राजस्थान के रहने वाले संतोष नाम के व्यक्ति सालों पूर्व कुंदरकी में आकर रहने लगे थे और बीमारी के चलते कल रात उनकी मौत हो गई थी। इसके बाद सवाल इस बात पर उठा, मृतक का अंतिम संस्कार कौन करेगा? जब कोई आगे नहीं आया तो कस्बे के मुरादाबाद-आगरा स्टेट हाइवे स्थित टैक्सी स्टैंड पर मौजूद दर्जनों मुस्लिमों ने अंतिम संस्कार का निर्णय लिया।
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मुसलमानों ने अपने हाथों से बनाई अर्थी
वह पहले तो बाजार से अंतिम संस्कार का सामान खरीद कर लाये और फिर अपने हाथों से एक हिन्दू व्यक्ति की अर्थी बनानी शुरू कर दी। मुस्लिम युवकों द्वारा किये गए इस असाधारण काम को जिसने भी सुना उनके द्वारा की गई इंसानियत की तारीफ की है। एक दर्जन से ज्यादा मुस्लिम युवक ही अपने कंधों पर बुजुर्ग संतोष की अर्थी को लेकर मोक्षधाम पहुंचे और हिन्दू रीति रिवाज से उनका अंतिम संस्कार किया है।