मुरादाबाद वाईवीएन संवाददाता। संभावित बाढ़ को लेकर जहां बाढ़ खंड विभाग तैयारियों में जुटा है, वहीं दूसरी ओर नदी के क्षेत्र में बसी आबादी को लेकर विभाग की अनदेखी गंभीर चिंता का विषय बनती जा रही है। नदी के क्षेत्रफल में कई मकान बने हुए हैं, जिनमें हजारों लोग निवास कर रहे हैं। ऐसे में बाढ़ आने की स्थिति में जानमाल के भारी नुकसान की आशंका जताई जा रही है।
नजरअंदाज हो रही है हकीकत
जानकारी के अनुसार, बाढ़ खंड विभाग ने नदी क्षेत्र में कुछ निर्माण को एनओसी जारी कर दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि बाढ़ की स्थिति में यह इलाके सबसे पहले चपेट में आएंगे, जहां से जान बचाना मुश्किल हो सकता है। वही बता दे की नदी किनारे बने कई मकान बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के बने हैं। न तो वहां ऊंचाई पर शरण स्थल हैं, न ही आपातकालीन निकासी की कोई व्यवस्था। ऐसे में यदि जलस्तर बढ़ा, तो हालात बेकाबू हो सकते हैं।
हर साल बाढ़ आती है लेकिन हमारी समस्याएं वहीं की वहीं रहती है
बाढ़ खंड विभाग की मानें तो उन्होंने बांधों को मजबूत करने और तटों पर सुरक्षा दीवार बनाने का काम पूरा कर लिया है। अधिकारियों का कहना है कि विभाग ने अपनी जिम्मेदारी निभाई है। लेकिन विभाग की यह तैयारी केवल कागजों तक सीमित नजर आती है, क्योंकि नदी के ठीक किनारे बसी आबादी की सुरक्षा को लेकर कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि प्रशासन बार-बार चेतावनी देने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा। "हर साल बाढ़ आती है, लेकिन हमारी समस्याएं वहीं की वहीं रहती हैं," एक स्थानीय निवासी ने बताया।
प्रशासन की चुप्पी
जानकारों का कहना है कि यदि जल्द ही नदी क्षेत्र में बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर नहीं बसाया गया, तो बाढ़ की स्थिति में जानमाल का भारी नुकसान होना तय है। प्रशासन को चाहिए कि समय रहते कार्रवाई करे, ताकि किसी भी बड़ी त्रासदी से बचा जा सके।
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