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Moradabad: होली पर गोकाअष्टक की बड़ी मांग

गाय के गोबर से बनी लकड़ियों से महानगर की होली का दहन होगा। इन लकड़ियों की मांग बढ़ गई है। क्योंकि यह लकड़ियां वातावरण को प्रदूषित नहीं करती हैं।

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Avik Kumar
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गोबर से बना दिया लकड़ी का आकार।

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वाईबीएन, संवाददाता।

गाय के गोबर से बनी लकड़ियों से महानगर की होली का दहन होगी। इन लकड़ियों की मांग बढ़ गई है। क्योंकि यह लकड़ियां वातावरण को प्रदूषित नहीं करती हैं। 

गाय के गोबर से बनी लकड़ियों से  होगा होलिका का दहन

मुरादाबाद के मनोहरपुर स्थित कृषि अनुसंधान केंद्र में गाय के गोबर से लकड़ियां बनाई जा रही है। इन लकड़ियों की मांग बरेली, नोएडा, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मुरादाबाद समेत अन्य जगहों से काफी आ रही है। यह लकड़ियां पर्यावरण को दूषित नहीं करती हैं और इससे वातावरण भी शुद्ध रहता है। इतना ही नहीं इन लकड़ियों की राख के माध्यम से पेड़ों के लिए खाद भी बनाई जाती है, जो की लाभकारी होती है। इसलिए पिछले कुछ सालों में लोगों का रुझान गोकाअष्ट की तरफ बढ़ा है। इस बार महानगर के सभी चौराहे पर गाय के गोबर से बनी लकड़ियों से होलिका का दहन होगा।  

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कृषि प्रशिक्षण व अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉक्टर दीपक मेहदीरता ने बताया कि होली को लेकर हम लोगों ने पिछले 3 महीने से तैयारी शुरू कर दी थी। हर साल की अपेक्षा इस बार मुरादाबाद ही नहीं बल्कि बरेली, नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़ से भी लड़कियों की काफी मांग है।

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साल दर साल बढ़ रही मांग 

इन लड़कियों की कीमत 1200 रुपए प्रति कुंटल है। उन्होंने बताया कि अभी तक 500 कुंटल लड़कियां लोगों तक भेजी जा चुकी है। यह लड़कियां वातावरण के साथ ही लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभकारी हैं, क्योंकि इन लड़कियों से निकलने वाली गैस से लोगों के स्वास्थ्य में कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

जबकि पेड़ों की लड़कियों वातावरण को दूषित करती  है। साथ ही निकलने वाली गैस लोगों में सांस व अन्य बीमारियां भी उत्पन्न होती हैं। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ सालों में लोग अपनी संस्कृति से काफी जुड़ रहे हैं। यही वजह है कि अब लोग लकड़ियों को छोड़ गोकाअष्टक का होली का दहन के लिए प्रयोग के रहे हैं। अब हर साल इनकी मांग में वृद्धि हो रही है।

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