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नोएडा, वाईबीएन नेटवर्क
शुक्रवार शाम करीब साढ़े पांच बजे सेक्टर-6 स्थित नोएडा प्राधिकरण के मुख्य प्रशासनिक कार्यालय में बोर्ड बैठक आयोजित होगी। इस बैठक की अध्यक्षता नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन और मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह करेंगे। बोर्ड बैठक में रखे जाने वाले प्रस्तावों पर चर्चा करने के लिए बुधवार को नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने सेक्टर-14ए स्थित कैंप कार्यालय पर अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में सभी प्रस्तावों को अंतिम रूप दिया गया। प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि बोर्ड बैठक में करीब 30 महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे जाएंगे।
महत्वपूर्ण प्रस्तावों में आवंटन दरों में वृद्धि और बजट को मंजूरी
बैठक में जो प्रमुख प्रस्ताव रखे जाएंगे, उनमें सबसे अहम प्रस्तावों में आवंटन दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव है। आवासीय, औद्योगिक, संस्थागत, और ग्रुप हाउसिंग संपत्तियों के रेट में पांच से छह प्रतिशत तक की वृद्धि की संभावना है। वहीं, खरीदारों की कमी को देखते हुए व्यावासिक संपत्तियों की दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने का निर्णय लिया गया है।
इसके अलावा, वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजट को मंजूरी दी जाएगी। इस वित्तीय वर्ष के लिए सात से आठ हजार करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है। इसमें सबसे ज्यादा राशि सिविल कार्यों पर 1300 करोड़ रुपये और गांवों के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये रखी गई है। इसके अलावा, नए नोएडा के लिए अप्रैल-मई से जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है, जिसके लिए किसानों को मुआवजा देने के लिए एक हजार करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है।
मेट्रो लाइन के लिए 500 करोड़ रुपये का बजट और अन्य प्रस्ताव
नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीच सेक्टर-142 से बॉटनिकल गार्डन तक मेट्रो लाइन को केंद्र सरकार से जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है, इसके लिए 500 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है।
अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों में शामिल हैं
- जिले के तीनों प्राधिकरणों में लागू की गई यूनिफाइड पॉलिसी में आ रही दिक्कतों पर चर्चा।
- फ्लैट खरीदारों के मामले में अमिताभ कांत समिति की स्टेटस रिपोर्ट।
- एनजीटी मामले में 11 बिल्डर परियोजनाओं को जीरो पीरियड का लाभ देने का प्रस्ताव।
- एंटरटेनमेंट सिटी, अधूरे ग्रुप हाउसिंग, औद्योगिक परियोजनाएं, संस्थागत और व्यावसायिक भूखंडों के पूर्ण होने की स्टेटस रिपोर्ट।
- पिछले एक साल में औद्योगिक भूखंडों के आवंटन की स्थिति पर चर्चा।
यह बैठक करीब दो घंटे तक चली और अधिकारियों ने सभी प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा की।