Advertisment

Action: अतिरिक्त मुआवजा मामला में नोएडा प्राधिकरण पहुंची एसआईटी की टीम, खंगाली फाइलें

अतिरिक्त मुआवजा वितरण के मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित की गई एसआईटी की टीम मंगलवार को नोएडा प्राधिकरण पहुंची। टीम ने मामले से जुड़ी फाइलों को खंगालने का काम शुरू कर दिया। पूरा मामला गेझा तिलपता बाद , भूड़ा गांव से जुड़ा है। 

author-image
Vibhoo Mishra
SIT
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

नोएडा, वाईबीएन नेटवर्क।

Advertisment

अतिरिक्त मुआवजा वितरण के मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित की गई एसआईटी की टीम मंगलवार को नोएडा प्राधिकरण पहुंची। टीम ने मामले से जुड़ी फाइलों को खंगालने का काम शुरू कर दिया। टीम सुबह करीब 11 बजे के आसपास प्राधिकरण पहुंची इसके बाद अधिकारियों से फाइलों को मंगवाया। दोपहर बाद सीईओ को भी बुलाया गया। उनसे बातचीत की गई। ये पूरा मामला गेझा तिलपता बाद , भूड़ा गांव से जुड़ा है। 

पुरानी एसआईटी की रिपोर्ट को ठुकरा चुकी है कोर्ट 

सु्प्रीम कोर्ट ने पुरानी एसआईटी की जांच को दर किनार करते हुए हाइकोर्ट के पूर्व जज की निगरानी में जांच के आदेश दिए थे। कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की अगुवाई में एक तीन सदस्य कमेटी बनाई थी। इस कमेटी को दोबारा से इस पूरे प्रकरण की जांच करनी है। इस सिलसिल में टीम प्राधिकरण पहुंची और जांच शुरू की। इस टीम के जांच अधिकारी यूपी कैडर के तो है लेकिन उनकी पोस्टिंग यहां नहीं हुई है।

Advertisment

दरअसल, पुरानी एसआईटी की टीम ने जो जांच रिपोर्ट बनाई थी। उसमें दो याचिकाकर्ता अधिकारियों की संलिप्पता को दिखाया था। लेकिन कोर्ट ये मामने को तैयार नहीं है प्राधिकरण का कोई अन्य अधिकारी सार्वजनिक धन के कथित दुरुपयोग और गबन में शामिल नहीं पाया गया है। कोर्ट ने ये भी कहा था अतिरिक्त मुआवजा पाने वाले किसी भी किसान के साथ प्राधिकरण कोई जोर जबरदस्ती नहीं कर सकता। न ही भविष्य में होने वाली एफआईआर में उनके नाम शामिल कर सकता है।

पुरानी टीम ने 180 पेज की सौंपी थी रिपोर्ट

नोएडा प्राधिकरण में मुआवजा वितरण मामले में पुरानी एसआईटी की टीम ने 180 पेज की रिपोर्ट सौंपी थी। इस रिपोर्ट में तीन अधिकारियों ने मिलकर प्राधिकरण को करीब 117 करोड़ 56 लाख 95 हजार 40 करोड़ रुपए राजस्व का नुकसान पहुंचाया।  सु्प्रीम कोर्ट के आदेशानुसार एसआईटी ने नोएडा प्राधिकरण में 1 अप्रैल 2009 से 2023 तक कुल 15 सालों के मुआवजा वितरण संबंधित कुल 1198 फाइलों को खंगाला। जिसमें कुल 20 मामलों में अनियमितता मिली। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में शुरुआत में 12 और बाद में 8 नए प्रकरण सामने आए थे।

Advertisment
Advertisment