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बादलपुर में अपनी मां के साथ धीरज और तेजपाल। Photograph: (Google)
ग्रेटर नोएडा, वाईबीएन डेस्क।भले ही आप तमाम ऐसे किस्से सुनते होंगे जिनमें माता-पिता का अनादर और सेवा न करने की बात सामने आती हो लेकिन ऐसे भी तमाम उदाहरण सामने आते हैं जिनमें माता-पिता की सेवा और आदर का भाव साफ झलकता हो। ऐसा ही एक मामला उस समय सामने आया जब बदायूं के रहने वाले दो भाईयों ने बदायुं से वृंदावन तक अपनी मां को कांवड़ में बैठाकर पदयात्रा पूरी करने बीड़ा उठाया है। गौतमबुद्ध नगर के बादलपुर में पहुंचे दोनों भाईयों ने बताया कि पहले वह मां को दिल्ली के कात्यायनी मंदिर के दर्शन कराएंगे और उसके अगले दिन 7 नवंबर को धीरेंद्र शास्त्री की सनातन हिंदू एकता पदयात्रा में शामिल होंगे।
बागेश्वर धाम के अनुयायी हैं दोनों भाई
बदायूं जिले के बिशौली गांव निवासी धीरज और तेजपाल, दोनों भाई बागेश्वर धाम के प्रमुख संत धीरेन्द्र शास्त्री के अनुयायी हैं। दोनों भाइयों ने अपनी मां को कांवड़ में बिठाकर बदायूं से वृंदावन तक की 345 किलोमीटर लंबी पदयात्रा शुरू की है। धीरज छोटे हैं और ई-रिक्शा चलाकर परिवार की गुजर बसर करते हैं जबकि तेजपाल पिता की मृत्यु के बाद खेती संभालते हैं।
धार्मिक प्रवृति की हैं मां राजेश्वरी देवी
दोनों भाईयों ने बताया कि मां राजेश्वरी देवी धार्मिक प्रवृत्ति की हैं और उन्होंने ही दोनों बेटों को धार्मिक संस्कार दिए हैं। दोनों भाई बागेश्वर धाम सरकार के प्रवचन और सनातन धर्म से गहराई से जुड़े हुए हैं। भक्त भाइयों का कहना है कि उनकी यह पदयात्रा केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि सनातन धर्म और हिंदू एकता के संरक्षण का प्रतीक है। वे 7 नवंबर को दिल्ली से वृंदावन तक धीरेन्द्र शास्त्री के नेतृत्व में निकाली जा रही यात्रा में मां को कांवड़ में बिठाकर शामिल होंगे।
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