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Noida News: CBI ने नौ बिल्डर प्रोजेक्ट्स की जानकारी तलब की, SC के आदेश पर जांच तेज

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सबवेंशन स्कीम घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने नौ नामी बिल्डरों के प्रोजेक्ट की डिटेल मांगी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जांच तेज हुई है।

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YBN News
Central Bureau of Investigation

Photograph: (Google)

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नोएडा, वाईबीएन संवाददाता। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सबवेंशन स्कीम के तहत हुए बड़े घोटाले की जांच में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) तेज हो गई है। सीबीआई ने नौ प्रमुख बिल्डर प्रोजेक्ट्स की विस्तृत जानकारी नोएडा प्राधिकरण से मांगी है। इन बिल्डरों पर आरोप है कि बैंकों के साथ मिलीभगत कर खरीदारों को लोन दिलवाया और उस रकम को अन्य योजनाओं में डायवर्ट कर दिया, न तो लोन की किश्तें जमा की गईं और न ही ब्याज का भुगतान किया गया। यह जांच सुप्रीम कोर्ट के 29 अप्रैल को दिए गए आदेश के बाद हो रही है। कोर्ट के आदेश पर नोएडा प्राधिकरण ने प्रशासनिक अधिकारी संजीव दत्ता को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। प्राधिकरण ने इन प्रोजेक्ट्स से जुड़े स्वीकृति पत्र, लेआउट प्लान, बकाया भुगतान, रजिस्ट्री व को-डेवलपर की जानकारी CBI को सौंप दी है।

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CBI ने जिन प्रोजेक्ट्स की फाइलें मांगी हैं

  • सुपरटेक लिमिटेड, GH-01/A, सेक्टर-74
  • लॉजिक्स सिटी डवलपर्स, GH-02, सेक्टर-143
  • नैसजेन इंफ्राकॉन, GH-01/A, सेक्टर-78
  • इम्प्लेक्स इंफ्रास्ट्रक्चर, SC-01/B-4, सेक्टर-150
  • IVR प्राइम डवलपर्स, GH-01, सेक्टर-118
  • जेपी ग्रीन इंफाटेक, ऑर्चर्ड B-11, सेक्टर-131
  • शुभकामना बिल्डटेक, GH-05/B, सेक्टर-137
  • सिक्वल बिल्डकॉन, SC-01/A-1, सेक्टर-79
  • लॉजिक्स हाइट्स, SC-01/A-3, सेक्टर-150

2014 में शुरू हुई थी सबवेंशन स्कीम

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नोएडा और ग्रेटर नोएडा में करीब 2014 से कुछ बिल्डरों ने सबवेंशन स्कीम के तहत प्रोजेक्ट शुरू किए। स्कीम के अनुसार, जब तक फ्लैट का कब्जा नहीं मिलता, बिल्डर को ही EMI भरनी थी। लेकिन कुछ समय बाद बिल्डरों ने EMI देना बंद कर दिया और खरीदारों को फ्लैट भी नहीं दिए। इससे हजारों बायर्स कर्ज के बोझ में डूब गए और डिफॉल्टर घोषित हो गए। कई बिल्डर बाद में दिवालिया हो गए।

CBI की सक्रियता बढ़ी

नोएडा प्राधिकरण में पिछले एक महीने में CBI की टीम तीन से चार बार दौरा कर चुकी है। एजेंसी स्पोर्ट्स सिटी घोटाले की भी जांच कर रही है और सेक्टर-78, 79, 150, 152 में आवंटित भूखंडों का निरीक्षण किया गया है। इन इलाकों का ड्रोन सर्वे भी किया गया।

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