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Deer Park के लिए तैयार होगी डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट, यह होंगे सलाहकार, नाइट सफारी के लिए लगेंगी स्पेक्ट्रम लाइट

सेक्टर-91 बायोडायवर्सिटी पार्क में प्रस्तावित डियर पार्क सनसेट सफारी को केंद्र सरकार मंजूरी मिल चुकी है। अब इसका इंटरनल स्ट्रक्चर कैसा होगा। इसके लिए रिटायर्ड डिस्ट्रिक्ट फारेस्ट ऑफिसर (डीएफओ) को सलाहकार के लिए चयन किया जाएगा।

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Ranjana Sharma
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नोएडा, वाईबीएन नेटवर्क:सेक्टर-91 बायोडायवर्सिटी पार्क में प्रस्तावित डियर पार्क सनसेट सफारी को केंद्र सरकार मंजूरी मिल चुकी है। अब इसका इंटरनल स्ट्रक्चर कैसा होगा। इसके लिए रिटायर्ड डिस्ट्रिक्ट फारेस्ट ऑफिसर (डीएफओ) को सलाहकार के लिए चयन किया जाएगा। पार्क में डियर और इसे   सनसेट नाइट सफारी के रूप में बनाया जाना है। प्राधिकरण सीईओ लोकेश एम ने बताया कि यहां लाइटों इस तरह से लगाया जाएगा ताकि यहां रखे जाने वाले हिरणों को परेशानी न हो। लोग आए और उनके बारे में जाने। इसलिए हिरण के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी।

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डीपीआर रिटायर्ड डीएफओ की गाइडेंस होगी तैयार

डीपीआर रिटायर्ड डीएफओ की गाइडेंस में तैयार की जाएगी। क्योंकि अधिकारियों के इस बारे में अनुभव होता है। इसके बाद टेंडर जारी कर निर्माण कराया जाएगा। यहां एयरपोर्ट से रेस्क्यू किए जाने वाले हिरण को भी रखा जाएगा। हालांकि उनके लिए धनौरी वेटैंड के पास से रेस्क्यू सेंटर भी बनाया जा रहा है। वहां से कुछ हिरण को यहां भी लाया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश के अन्य चिड़ियाघरों से भी हिरण को यहां लाया जाएगा। 

सनसेट सफारी में स्पेक्ट्रम लाइट होंगी प्रयोग 

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प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि करीब 30 एकड़ में  मिनी जू की तर्ज पर इस डियर पार्क को बनाने में  करीब 40 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह जिले की पहली सनसेट सफरी होगी। इसमें रात करीब 10 बजे तक लोग स्पेक्ट्रम लाइट की रोशनी में हिरण व जलीय पक्षियों को देख सकेंगे। अधिकारियों ने बताया कि स्पेक्ट्रम लाइट में वहां पर मौजूद जानवरों को अंधेरा ही लगेगा। वहीं जो लोग सनसेट सफरी में पहुंचेंगे उनको स्पष्ट दिखाई देगा। इसमें 10 प्रजातियों के 132 हिरण लाए जाएंगे।

10 प्रजातियों के हिरण होंगे शामिल

नोएडा में 10 प्रजातियों के हिरण को लाया जाएगा। इसमें तीन प्रजाती अफ्रीका से एक्सपोर्ट की जाएंगी। इसक अलावा कानपुर, हैदराबाद और लखनऊ के चिड़ियाघर से यहां हिरण लाए जाएंगे। नोएडा प्राधिकरण ने बताया कि नोएडा, गाजियाबाद और आसपास में ऐसा डियर पार्क नहीं है। इसलिए यहां डियर पार्क बनाया जा रहा है। इसके लिए प्राणी विशेषज्ञों से बातचीत भी की गई है। ताकि विदेश से लाए जाने वाले हिरण के लिए यहां का पर्यावरण अनुकूल बनाया जा सके।

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