नोएडा, वाईबीएन संवाददाता | अपने को नई दिल्ली रेलवे में टीटीई बताने वाले एक शख्स को नोएडा की थाना सेक्टर-63 पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मूल रूप से कानपुर के बर्रा का रहने वाला है। अब तक 30 से ज्यादा लोगों को रेलवे में टीटीई और शस्त्र लाइसेंस बनाने का झांसा देकर ठगी करता था। क्लाइंट फंसने पर ये 1 लाख रुपए पहले लेता था। जबकि डील 7.5 लाख की होती थी। ऑनलाइन और कैश दोनों माध्यम से पैसा लेता था। इसकी पहचान प्रशांत कुमार हुई है। पुलिस ने इसे बहलोलपुर अंडरपास से एफएनजी गोल चक्कर के पास से पकड़ा है।
दरअसल पीड़ित ने 27 अप्रैल को थाना सेक्टर-63 में शिकायत की गई उसके पीड़ित से शस्त्र लाइसेंस बनवाने के नाम पर 71 हजार रुपए और उसके भांजे को रेलवे में नौकरी दिलवाने के नाम पर 1 लाख रुपए की धोखाधड़ी की गई। पुलिस ने फोन सर्विलांस पर लगाया और लोकल इंटेलिजेंस के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार किया। जांच की गई कि तो अलग-अलग थाना क्षेत्र से करीब 10 पीड़ितों की जानकारी सामने आई।
अपने को रेलवे में बताता था टीटीई
डीसीपी शक्ति मोहल अवस्थी ने बताया कि ये अपने नेटवर्क में लोगों को बताता था कि वो नई दिल्ली रेलवे में टीटीई है। उसका रेलवे, पुलिस विभाग व डीएम कार्यालय जनपद गौतमबुद्धनगर में अच्छी पकड़ है। इससे संबंधित कोई भी काम हो बताना करा दिया जाएगा। इसी संबंध में एक नवंबर 2024 में पीड़ित आरोपी के संकर्प में आया। उसने अपना नाम विशाल बताया। करीब एक सप्ताह बाद आरोपी प्रशांत कुमार गुप्ता पीड़ित की कंपनी जी-172 सेक्टर 63 के बाहर मिला। प्रशांत ने अपने को रेलवे विभाग में टीटीई के पद पर कार्यरत बताते हुए अपनी नियुक्ति नई दिल्ली में बतायी।
पीड़ित ने प्रशांत से उसकी आईडी मांगी। उसने आई तक दिखाई। जब उसने कहा कि तुमने अपना नाम विशाल बताया तो उसने कहा कि ये मेरे घर का नाम है। पीड़ित ने कहा कि मुझे अपना शस्त्र लाइसेंस बनवाना है। इस संबंध में आरोपी ने 71 हजार रुपए बताए। ये पैसा पीड़ित अलग-अलग तारीख को ऑपलाइन ट्रांसफर किया गया। झांसे में लेने के लिए प्रशांत ने कहा कि रेलवे में कुछ वेकेंसी निकली है। अगर कोई परिचित होतो तो बताना उसकी नौकरी लगवा दूंगा।
विश्वास में लेने के लिए दिखाता था नियुक्ति पत्र
विश्वास में लेने के लिए आरोपी ने पीड़ित को नार्दन रेलवे में टीटीई के पद पर चयनित हुए कुछ व्यक्तियों के नियुक्ति पत्र दिखाये गये। बताया गया कि यह सभी मेरे द्वारा ही रेलवे विभाग में भर्ती कराये गये है। नियुक्ति पत्रो को देखकर पीड़ित को पर विश्वास कर अपने भांजे की नौकरी के लिए एक लाख रुपए नगद दे दिए। पीड़ित द्वारा अपने लाइसेंस एवं नौकरी के सम्बन्ध में जानकारी की जाती थी तो प्रशांत कुमार टाल-मटोली की जाने लगी और काम होने का आश्वासन देकर आगे का समय दे दिया जाता था। इसके बाद उसने फोन उठाना बंद कर दिया।
7.5 लाख में होती थी डील
इसी तरह आरोपी ने एक अन्य व्यक्ति को भी टीटीई की नौकरी दिलाने के नाम पर 4 लाख रुपए लिए थे। पूछताछ में बताया कि एक शख्स को नौकरी दिलाने की डील 7.5 लाख रुपए में तय होती थी। जिसमें एक लाख रुपए पहले लिए जाते थे। बाकी रकम नौकरी मिलने के बाद लिए जाते थे। इसने 8-10 लोगो के साथ रेलवे विभाग में नौकरी दिलाने एवं शस्त्र लाइसेंस बनवाने के नाम पर लाखों रूपये की धोखाधडी की गयी है।