ग्नेटर नोएडा, आईएएनएस।
भारतीय किसान यूनियन की पंचायत जेवर के नीमका गांव में हुई, जिसकी अध्यक्षता राजे प्रधान राष्ट्रीय सचिव एवं संचालन राजीव मलिक ने किया। पंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि अधिकारी को किसानों से वार्ता कर किसान के समाधान की तरफ ले जाना चाहिए। किसानों की मांग है कि गौतम बुध नगर औद्योगिक शहरी क्षेत्र के हिसाब से सर्किल रेट रिवाइज किया जाए और भूमि अधिग्रहण कानून के हिसाब से किसान को मुआवजा दिया जाये।
किसानों को मिलनी चाहिए सुविधाएं
विस्थापन नीति में बदलाव करना चाहिए जो अपने पूर्वजों की जमीन को छोड़कर दूसरी जगह जमीन को शिफ्ट किया जा रहा है वहां पर उन लोगों को पूरी सुविधाएं मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे स्कूल हॉस्पिटल तालाब जैसी अन्य जो सुविधाएं हैं वह देनी चाहिए। अगर सुविधा किसानों को नहीं मिलेंगे तो वह आंदोलन करेंगे। जिसमें एडीएम भू आधिपत्य बच्चू सिंह, एडीएम प्रशासन मंगलेश दुबे, ओएसडी शैलेंद्र सिंह, उप जिलाधिकारी अभय सिंह एवं अन्य अधिकारी से वार्ता हुई। उन्होंने बताया कि 14 गांव की एक कमेटी बनाकर उच्च अधिकारियों से मार्च के पहले सप्ताह में वार्ता कराई जाएगी।
20 प्रतिशत विकसित भूखंड की मांग
पंचायत में शामिल किसानों की मांग है कि कृषि भूमि अधिग्रहण के बदले 20 प्रतिशत विकसित भूखंड कानून के हिसाब से हर किसान को मिले जिसका देश के प्रधानमन्त्री ने मन की बात में भी स्वीकारा है। गौतम बुध नगर औद्योगिक शहरी क्षेत्र के हिसाब से सर्किल रेट रिवाइज किया जाए और भूमि अधिग्रहण कानून के हिसाब से किसान को मुआवजा दिया जाये। नीमका खाजपुर, थोरा का विस्थापन किसी भी दिशा में नहीं चाहते एसआईए सर्वे टीम द्वारा भी इन गांव का विस्थापन नहीं किये जाने की सिफारिश की गयी थी। कम से कम 100 मीटर का प्लॉट और अधिकतम की सीमा को 1000 मीटर तक बढ़ाया जाए।
घरों की कीमत का आकलन पीडब्ल्यूडी और रेलवे के बदले हुए मानकों के हिसाब से किया जाए और सभी के लिए एक मानक रखा जाए चाहे घर नया है या पुराना। हर परिवार के बेरोजगार बच्चों को उनकी योग्यता के हिसाब से सरकारी नौकरी या कम से कम एक मुश्त 30 लाख रुपये दिए जाए जिसका आंकलन मिनिमम वेतन भत्ता के हिसाब से हो। इस मौके पर पवन खटाना, पवन चौरोली, रॉबिन नागर, सुनील प्रधान, अनित कसाना, पवन नागर, सुंदर खटाना, संदीप खटाना, जीते गुज्जर, हसरत प्रधान, गुलफान नेता, बिरजू सैकड़ो किसान मौजूद रहे।