ग्रेटर नोएडा, वाईबीएन संवाददाता | किसान संघर्ष मोर्चा के बैनर तले गुरुवार, 29 मई को सैकड़ों किसानों ने सूरजपुर स्थित जिला मुख्यालय पर महापंचायत आयोजित की। पैदल मार्च करते हुए पहुंचे किसानों ने कलेक्ट्रेट परिसर में जमकर प्रदर्शन किया और सरकार व प्रशासन के खिलाफ नाराज़गी जताई।
आंदोलन की प्रमुख मांगें
महापंचायत में किसानों ने अपनी पुरानी और लंबित मांगों को दोहराया, जिनमें शामिल हैं:
- 10% आबादी प्लॉट का आवंटन
- सर्किल रेट में की गई वृद्धि पर पुनर्विचार
- ग्रामीण आबादियों का स्थायी निस्तारण
- भूमिहीन परिवारों को वेंडिंग जोन में दुकान आवंटन
एनटीपीसी प्रभावित किसानों की समस्याओं का समाधान
किसान नेताओं ने बताया कि दिसंबर-जनवरी में हुए आंदोलन के बाद सरकार ने प्रमुख सचिव (औद्योगिक विकास) की अध्यक्षता में एक हाई पावर कमेटी गठित की थी, जिसका उद्देश्य किसानों की मांगों पर ठोस निर्णय लेकर उन्हें लागू करना था। मुख्यमंत्री द्वारा तय की गई समय सीमा बीत जाने के बाद भी अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
किसान नेताओं का आक्रोश
किसान संघर्ष मोर्चा के नेता सुखबीर खलीफा ने कहा कि आंदोलन के दौरान पुलिस कमिश्नर द्वारा मुकदमे वापस लेने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। वहीं किसान एकता संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोरन प्रधान ने आरोप लगाया कि अधिकारी केवल आश्वासन देते हैं, समाधान नहीं। किसान नेता रुपेश वर्मा ने चेतावनी दी कि जब तक किसानों की मांगे नहीं मानी जातीं, आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा, “अगर जिला प्रशासन और प्राधिकरण किसानों की समस्या नहीं सुलझा सकते तो हमारी बात सीधे शासन स्तर पर कराई जाए। हमारी मांग है कि प्रदेश सरकार किसानों की समस्याओं का तत्काल निस्तारण करे।”