नोएडा, वाईबीएन नेटवर्क वाट्सऐप ग्रुप से जोड़कर इन्वेस्टमेंट कर लाभ कमाने का झांसा देने वाले एक साइबर आरोपी को साइबर क्राइम पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसकी पहचान सतीश पुत्र ओमकार निवासी बदायू के तौर पर हुई है। पुलिस ने आरोपी को सेक्टर-62 से गिरफ्तार किया। इस पर एनसीआरपी पोर्टल पर 6 शिकायत और लखनऊ क्राइम लखनऊ के एक मामले में मुकदमा दर्ज है।
मोटा मुनाफा कमाने का लालच दिया
डीसीपी साइबर क्राइम प्रीति यादव ने बताया कि 20 अगस्त 2024 को पीड़िता ने साइबर पुलिस से शिकायत की थी। उसके वाट्सऐप पर एक अज्ञात नंबर से फोन आया। जिस पर इंवेस्टमेंट के नाम मोटा मुनाफा कमाने का लालच दिया गया। इसके बाद पीड़िता को वाट्सऐप के एक ग्रुप से जोड़ दिया गया। पहले कुछ दिनों तक उसे लाभ दिया गया। उसने पैसा निकाला भी। इसके बाद उसने थोड़ा थोड़ कर करीब 55 लाख 194 रुपए इंवेस्ट कर दिए। मुनाफा दिखने पर उसने पैसा निकालना चाहा। उससे और पैसों की डिमांड की।
ठगी की रकम का 2 लाख रुपए ट्रांसफर
पैसा नहीं देने पर उसे ग्रुप से बाहर कर दिया गया और जिस नंबर से फोन आया वो भी बंद गया। पीड़िता ने ट्रांजेक्शन डिटेल के साथ फोन नंबर आदि उपलब्ध कराए। जिसके बाद साइबर क्राइम पुलिस ने तफ्तीश शुरू की। इस मामले में पुलिस ने बुधवार को एक आरोपी सतीश को गिरफ्तार किया गया। इसके खाते में ठगी की रकम का 2 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए थे। सतीश से पूछताछ की जा रही है कि ऐसे किसके कहने पर किया गया।
जारी की गई गाइडलाइन
इंवेस्टमेंट करने से पहले वेबसाइट एवं एप की प्रामाणिकता की जांच अवश्य करें। यदि संभव हो तो हमेशा भारत सरकार के द्वारा अधिकृत व सेबी द्वारा निगरानी की जाने वाली शेयर मार्केट में ही निवेश करें। यूट्यूब, गूगल, फेसबुक, व्हाट्सअप लाइक कर धन कमाने या टास्क पूरा करने के नाम पर धन कमाने का आफ़र देने वाली फर्जी काल से बचें। धोखेबाज के बहकावे में आकर पैसा ट्रांसफर न करें। साइबर से संबंधित किसी समस्या के लिए साइबर क्राइम हेल्प लाइन नंबर 1930 अथवा साइबर क्राइम की वेबसाइट www.cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज करें।