ग्रेटर नोएडा, वाईबीएन नेटवर्क
बादलपुर थाने की पुलिस ने हनी ट्रैप के जरिए लोगों को ठगने वाले एक गिरोह को गिरफ्तार किया है, जिसमें दो पुरुषों और एक महिला शामिल है। आरोपियों के कब्जे से 40 हजार रुपये नकद बरामद किए गए हैं। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आरोपियों ने सादोपुर गांव में एक व्यक्ति को हनी ट्रैप में फंसाया और उस पर बलात्कार का झूठा आरोप लगाया। फिर, उन्होंने मामले को निपटाने के लिए उस व्यक्ति से 2.5 लाख रुपये की मांग की। पीड़ित ने डरकर उन्हें 40 हजार रुपये दे दिए। इसके बाद, उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
थाना बादलपुर पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए बुधवार, 27 फरवरी को तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया।
डरा-धमकाकर उनसे पैसे वसूलते थे
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान बादल डेढ़ा उर्फ कालू सिंह, प्रिंस और जेहरा के रूप में हुई है। पुलिस ने प्रिंस से 12,000 रुपये, बादल डेढ़ा से 13,000 रुपये और जेहरा से 15,000 रुपये बरामद किए। पूछताछ में पता चला कि बादल डेढ़ा एक शातिर अपराधी है और उसके खिलाफ पहले से ही 11 मामले दर्ज हैं। वह लोगों को ठगने के लिए जेहरा का इस्तेमाल करता था। जेहरा और प्रिंस भी इस गिरोह में शामिल थे। पुलिस ने यह भी बताया कि यह गिरोह दिल्ली-एनसीआर में घूम-घूमकर अच्छे मकान मालिकों को निशाना बनाता था। फिर, जेहरा को उनके घर में किराए पर कमरा दिलाया जाता था। इसके बाद, जेहरा मकान मालिक को फंसा कर उस पर बलात्कार का झूठा आरोप लगाती थी। गिरोह के सदस्य खुद को बड़े अधिकारियों का करीबी बताते थे और वकील को साथ लेकर जाते थे। वे मकान मालिकों को डरा-धमकाकर उनसे पैसे वसूलते थे।
आरोपी कालू पर लग चुका है गैंगस्टर
आरोपी बादल उपरोक्त के विरूद्ध 11 मुकदमे पंजीकृत है, इसके विरूद्ध गैंगस्टर की कार्यवाही भी हो चुकी है तथा पहले इसका नाम कालू सिंह था। जब कालू सिंह नाम से इसका अपराधिक इतिहास ज्यादा हो गया तब उसने आधार कार्ड में अपना नाम कालू सिंह से बदलकर बादल डेढ़ा रख लिया और सबको अपना नाम बादल डेढ़ा ही बताया था जिससे यह पकडा ना जा सके।
आरोपियों का अपराध का तरीका
अभियुक्त बादल डेढ़ा व प्रिन्स द्वारा अपनी गाड़ी में घूम-फिर कर दिल्ली एनसीआर में अच्छे खासे मकान मालिकों को चिन्हित कर अभियुक्ता जेहरा को उनके घरों में किराये पर कमरा दिलाकर उक्त मकान मालिक को साजिश के तहत बलात्कार के झूठे आरोप में फंसाने की धमकी देते है तथा यह अपनी जान-पहचान बडे अधिकारियों से बताते है और वकील को साथ लेकर जाते है। फिर यह लोग मकान मालिकों को डरा धमकाकर जबरन रुपये की वसूली करते है।