वाईबीएन, नेटवर्क।
नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एनएमआरसी) ने सेक्टर-142 से बॉटेनिकल गार्डन के बीच मेट्रो लाइन के टोपोग्राफी सर्वे के लिए टेंडर जारी किया है। यह सर्वे जमीन की ऊंचाई, गहराई, आकार और स्थान का पता लगाने के लिए किया जाएगा, ताकि रूट का डिजाइन तैयार किया जा सके। यह सर्वे मेट्रो परियोजनाओं में एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो निर्माण में आने वाली बाधाओं को दूर करने और सही डिजाइन को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। सर्वे के बाद, रूट का ड्राइंग तैयार होगा, जिसे मेट्रो प्राधिकरण से मंजूरी मिलनी चाहिए।
सर्वे कार्य पूरा करने के लिए मिलेगा 60 दिन का समय
टोपोग्राफी सर्वेक्षण से प्राप्त डेटा का उपयोग मेट्रो रूट के लिए नींव, सुरंगों और अन्य संरचनाओं का डिजाइन करने में किया जाएगा। इसमें मिट्टी, चट्टान और भूजल की स्थिति का विश्लेषण किया जाएगा। एजेंसी को सर्वे कार्य पूरा करने के लिए 60 दिन का समय मिलेगा। इस सर्वेक्षण के बाद, एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी। जिसमें मिट्टी और चट्टान के वर्गीकरण और नींव के प्रकार की सिफारिश की जाएगी। इस रिपोर्ट को डिजाइन गणना, मानदंड और कार्यप्रणाली पर आधारित होगा, जो आगे के निर्माण कार्य के लिए आवश्यक डेटा प्रदान करेगा।
यूपी सरकार दे चुकी है पहले ही डीपीआर को मंजूरी
इस मेट्रो लाइन का रूट सेक्टर-51 से ग्रेटर नोएडा डिपो तक चल रही एक्वा लाइन से जुड़ा होगा। नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच मेट्रो कनेक्टिविटी में सुधार के लिए यह परियोजना महत्वपूर्ण है। एनएमआरसी के अधिकारियों का कहना है कि इस रूट को केंद्रीय मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद, यूपी सरकार पहले ही डीपीआर को मंजूरी दे चुकी है। इससे यह संभावना बनती है कि केंद्र सरकार भी इस रूट के निर्माण के लिए मंजूरी दे देगी, जिसके बाद एनएमआरसी टेंडर जारी कर देगा।
लगभग पांच साल में बनकर होगा तैयार
यह मेट्रो रूट कुल 11.56 किलोमीटर लंबा होगा और इस पर काम शुरू होने के बाद करीब पांच साल में यह बनकर तैयार होगा। वर्तमान में एनएमआरसी सेक्टर-51 से ग्रेटर नोएडा डिपो तक एक्वा लाइन पर मेट्रो का संचालन कर रहा है। फिलहाल, नोएडा और दिल्ली के बीच ब्लू लाइन पर स्थित सेक्टर-52 स्टेशन से लोगों को पैदल 300-400 मीटर चलकर अन्य स्टेशनों तक पहुंचना पड़ता है। नए रूट के निर्माण से इस दूरी को कम करने से मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों को लाभ मिलेगा