ग्रेटर नोएडा, वाईबीएन नेटवर्क
उत्तर प्रदेश के वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के नोडल ऑफिसर और प्रमुख सचिव आलोक कुमार तृतीय ने कहा है कि उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए बड़ी कंपनियों को ग्रेटर नोएडा लाने के प्रयास किए जाएंगे। खासकर मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
औद्योगिक निवेश के लिए गुजरात और कर्नाटका मॉडल अपनाने की सलाह
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार, एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव और एसीईओ सुनील कुमार सिंह के साथ एक बैठक में प्रमुख सचिव ने कहा कि औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए गुजरात और कर्नाटका के मॉडल को अपनाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि औद्योगिक निवेशकों के लिए भूखंड आवंटन प्रक्रिया को सरल और समयबद्ध बनाना चाहिए।
मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों के लिए प्रोत्साहन और आवंटन रद्द करने की चेतावनी
प्रमुख सचिव ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था केवल तब ही वन ट्रिलियन डॉलर की हो सकती है जब यहां बड़ी मैन्युफैक्चरिंग इकाइयां निवेश करें। उन्होंने यह भी कहा कि जो आवंटी औद्योगिक भूखंड लेकर बैठे हैं लेकिन उद्योग नहीं लगा रहे हैं, उनके आवंटन रद्द कर दूसरे उद्यमियों को ये भूखंड आवंटित किए जाएं, ताकि उद्योग स्थापित हो सकें। इससे निवेश के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
फैक्ट्री एक्ट में पंजीकरण को बढ़ावा देने की जरूरत
प्रमुख सचिव ने यह भी सुझाव दिया कि कंपनियों को फैक्ट्री एक्ट के तहत पंजीकरण कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाए, ताकि राज्य में औद्योगिक इकाइयों की सही ग्रॉस वैल्यू का पता चल सके।
भूखंड स्कीम और भूमि विकास पर तेजी से काम
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने प्रमुख सचिव को बताया कि प्राधिकरण जल्द ही उद्योगों के लिए नई भूखंड योजना लॉन्च करने जा रहा है। इसके साथ ही किसानों से जमीन खरीदकर उसे विकसित करने का काम भी तेजी से चल रहा है। उद्यमियों के साथ नियमित बैठकें आयोजित की जा रही हैं, ताकि उनकी समस्याओं का समाधान किया जा सके।
उद्यमियों को फैक्ट्री एक्ट के तहत पंजीकरण के लिए प्रोत्साहन
एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव ने कहा कि उद्यमियों को लगातार फैक्ट्री एक्ट के तहत पंजीकरण कराने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। बैठक के दौरान ओएसडी एनके सिंह और मैनेजर उद्योग अरविंद मोहन सिंह भी उपस्थित रहे।