ग्रेटर नोएडा, वाईबीएन संवाददाता।
गलगोटिया विश्वविद्यालय में फोरेंसिस अगोरा तीसरे अंतरराष्ट्रयी सम्मेलन का सफल समापन हुआ। इस सम्मेलन का उद्देश्य फोरेंसिक विज्ञान, न्याय प्रणाली और डिजिटल सुरक्षा में नवीनतम अनुसंधान, तकनीकी इनोवेशन और प्रमुख चुनौतियों पर चर्चा करना था। इस सम्मेलन में देश-विदेश के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और छात्रों ने भाग लिया। विभिन्न तकनीकी सत्रों, पैनल चर्चाओं और शोध प्रस्तुतियों और पोस्टर प्रतियोगिता के माध्यम से प्रतिभागियों को नवीनतम जानकारी और विशेषज्ञों से संवाद करने का अवसर प्राप्त हुआ।
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अपराधों के प्रभाव और रोकथाम पर चर्चा की
इस अवसर पर डॉ. लैला मैनलॉक्स (अर्जेंटीना) संगठित अपराध और आर्थिक अपराध कानून पर अपने गहन अनुभव और शोध निष्कर्ष प्रस्तुत किए। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य से इन अपराधों के प्रभाव और रोकथाम पर चर्चा की। डॉ. सुमित भाटी (कनाडा) कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग के फोरेंसिक विज्ञान में अनुप्रयोग पर चर्चा की। उन्होंने इन तकनीकों द्वारा अपराधों की जांच और न्याय प्रक्रिया को कैसे प्रभावी बनाया जा सकता है, इस पर प्रकाश डाला।
साइबर अपराध की रोकथाम कैसे हो
डॉ. रक्षित टंडन साइबर सुरक्षा, डिजिटल अपराधों और साइबर अपराध की रोकथाम पर उपयोगी अंतर्दृष्टि दी। उन्होंने डेटा सुरक्षा, व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा, और साइबर हमलों से बचाव पर जोर दिया। डा. रक्षित टण्डन को उनके अनेक उत्कृष्ट कार्यों के लिये फोरेंसिक एक्सीलैंस अवार्ड से सम्मानित किया गया। इसके उपरांत एक विशेष पैनल चर्चा का आयोजन किया गया, जिसका विषय था "भारतीय न्याय संहिता, 2023; भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023; और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023"।
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नए कानूनों और प्रभावों पर चर्चा
इस चर्चा का संचालन डॉ. रणजीत सिंह (SIFS,नई दिल्ली के सीईओ) ने किया। इस चर्चा में इन नए कानूनों के प्रभाव, चुनौतियों और न्याय प्रणाली में उनके योगदान पर विचार विमर्श किया गया। सम्मेलन के अंत में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें गलगोटिया विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों की अद्भुत सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। गलगोटियास विश्वविद्यालय के चांसलर सुनील गलगोटिया ने कहा कि इस सम्मेलन ने फोरेंसिक विज्ञान में वैश्विक सहयोग और अनुसंधान को एक नया मंच प्रदान किया है।
सीईओ डा. ध्रुव गलगोटिया ने कहा कि हम अपने विश्वविद्यालय को नवाचार और अनुसंधान का केंद्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह सम्मेलन न्याय प्रणाली और फोरेंसिक विज्ञान के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। फ़ोरेंसिक विज्ञान, स्कूल ऑफ बायोसाइंसेस एंड टेक्नोलॉजी, गलगोटियास विश्वविद्यालय के डीन डा० अभिमन्यु झा और डॉ.राजीव कुमार और डा. विन्नी शर्मा कार्यक्रम में विशेष रूप उपस्थित रहे।
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