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Nithari case: 19 साल बाद भी इंसाफ अधूरा, पीड़ित परिवारों की चीख - "हड्डियों का जिम्मेदार कौन?"

निठारी कांड में सुप्रीम कोर्ट ने सुरेंद्र कोली और मोनिंदर पंधेर को बरी कर दिया। पीड़ित परिवारों ने 19 साल से न्याय की आस लगाई थी। अब सवाल उठता है- नाले में मिली हड्डियों का जिम्मेदार कौन?

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Dhiraj Dhillon
Moninder Singh Pandher and Surendra Kauli
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नोएडा, वाईबीएन डेस्क। देश को झकझोर देने वाले निठारी कांड में आखिरकार 19 साल बाद भी पीड़ितों को न्याय नहीं मिला। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपना अंतिम फैसला सुनाते हुए सीबीआई, यूपी सरकार और पीड़ित परिवारों की याचिकाओं को खारिज कर दिया और इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा, जिसमें सुरेंद्र कोली और मोनिंदर पंधेर को दोषमुक्त कर दिया गया था। 19 साल की लंबी लड़ाई के बाद जब सुप्रीम कोर्ट से भी पीड़ितों को न्याय नहीं मिला, तो अब एक ही सवाल है, "अगर कोली और पंधेर निर्दोष हैं, तो फिर इन मासूमों के कातिल कौन हैं?"

❝ अब भगवान ही न्याय दिला सकते हैं ❞

10 वर्षीय ज्योति के पिता झब्बू लाल ने फैसले पर गहरी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा- "अगर पंधेर और कोली दोषी नहीं हैं, तो फिर उन बच्चों की हड्डियों का जवाब कौन देगा, जो नाले से बरामद हुई थीं?"ज्योति की मां सुनीता सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुनते ही रो पड़ीं। उनका कहना है कि-"हमें आज भी यकीन नहीं हो रहा कि वो दोनों बरी हो गए। जब उन्हें गिरफ्तार किया गया था, तब उन्होंने थाने में पैरों पर गिरकर माफी मांगी थी।"

जानिए निठारी कांड का पूरा घटनाक्रम

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  • 2004 से नोएडा के निठारी गांव से बच्चे रहस्यमय ढंग से गायब होने लगे।
  • ज्यादातर पीड़ित परिवार ग़रीब थे, पुलिस ने FIR दर्ज करने की बजाय उन्हें भगा दिया।
  • पायल नाम की युवती की गुमशुदगी के बाद नंदलाल ने डी-5 कोठी मालिक मोनिंदर सिंह पंधेर पर शक जताया।
  • पुलिस ने नंदलाल को ही बदनाम करने की कोशिश की, पर उसने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
  • 29 दिसंबर 2006 को सीओ ऑफिस में पूछताछ के दौरान सुरेंद्र कोली ने कबूल किया कि उसने बच्चों की हत्या की और शवों के टुकड़े नाले में फेंके।

CBI जांच पर सवाल

CBI की जांच को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं। पीड़ितों का कहना है कि जांच में कई खामियां थीं, जिनका फायदा आरोपियों को मिला। पीड़ित पक्ष के वकील का कहना है किCBI ने जानबूझकर कमजोर चार्जशीट फाइल की ताकि दोनों को बचाया जा सके।नोएडा की सेक्टर 31 स्थित डी-5 कोठी, जहां ये जघन्य हत्याएं हुईं, अब वीरान और भूतहा जगह बन चुकी है। बाहर झाड़ियां उग आई हैं और पंधेर की कार भी वहीं खड़ी ‌हुई कचरा हो रही है।
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इन मासूमों की गई जान:

रचना, रिम्पा हलधर,कु. बीना,पायल, ज्योति, हर्ष, कु. निशा,पुष्पा विश्वास,सतेन्द्र उर्फ मैक्स,दीपाली,नंदा देवी,पिंकी सरकार,दीपिका उर्फ पायल,शेख रजा खान,सोनी,अंजली,आरती और एक अज्ञात युवती।
Surender Koli Nithari Case | Nithari Murders Explained | noida news 
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