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2006 Nithari Case: SC ने पंधेर- कोली के बरी होने पर लगाई मुहर, CBI- सरकार की अपील खारिज

2006 निठारी सीरियल हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए मोनिंदर सिंह पंधेर और सुरेंद्र कोली की बरी को सही ठहराया। जानिए क्या था पूरा मामला।

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Dhiraj Dhillon
SUPREME COURT 19 august 2025

QR कोड से लेकर लाइसेंस तक... सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने बदल दी कांवड़ यात्रा की तस्वीर! | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। 2006 निठारी हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट ने मोनिंदर सिंह पंधेर और सुरेंद्र कोली को बरी करने के खिलाफ दायर सीबीआई, उत्तर प्रदेश सरकार और पीड़ित परिवारों की अपीलों को खारिज कर दिया है। शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के 16 अक्टूबर 2023 के उस फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें मोनिंदर सिंह पंधेर को दो मामलों में और सुरेंद्र कोली को 12 मामलों में बरी कर दिया गया था। हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट द्वारा दोनों को दी गई फांसी की सजा को पलट दिया था।

क्या था निठारी कांड?

2006 में नोएडा के निठारी गांव में कई बच्चों के लापता होने के बाद इलाके से नरकंकाल और मानव अवशेष बरामद हुए थे। इसके बाद यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आया। जांच में मोनिंदर सिंह पंधेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली पर बच्चों के साथ दुष्कर्म, हत्या और शव के अंगों को काटने जैसे गंभीर आरोप लगे थे। निठारी कांड में सीबीआई ने कुल 19 मामले दर्ज किए थे। इनमें से एक मामले में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल नहीं की थी। बता दें कि निठारी कांंड के ‌खुलासे के बाद पूरे देश में तहलका मच गया था। मामले में कई पुलिस अधिकारियों को भी आरोपी बनाया गया था।

ट्रायल कोर्ट का फैसला और हाई कोर्ट की राहत

सितंबर 2010 में ट्रायल कोर्ट ने दोनों को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। लेकिन इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 16 अक्टूबर 2023 को सबूतों की कमी और जांच में खामियों का हवाला देते हुए दोनों आरोपियों को बरी कर दिया। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी हाई कोर्ट के इस फैसले पर अपनी मुहर लगाते हुए सभी अपीलों को खारिज कर दिया है। यह फैसला निठारी कांड में एक अहम मोड़ माना जा रहा है, जहां वर्षों पुराने बहुचर्चित मामले में अंतिम न्यायिक निर्णय सामने आया है। supreme court | Supreme Court News 

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