नोएडा, वाईबीएन नेटवर्क
नोएडा में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से अब नोएडा के सभी विश्वविद्यालयों में छात्रों और कर्मचारियों के लिए एक नया आदेश जारी किया गया है। इस आदेश के तहत, बिना हेल्मेट और चार पहिया वाहनों के चालक बिना सीट बेल्ट के विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। यह आदेश एआरटीओ डॉ. सियाराम वर्मा के निर्देशों के आधार पर विश्वविद्यालयों द्वारा जारी किया गया है।
सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में कदम
05 फरवरी 2025 को सर्वोच्च न्यायालय की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा की समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने पर जोर दिया गया। इस बैठक के बाद, उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त बी एन सिंह के निर्देशों पर गौतमबुद्ध नगर में सड़क सुरक्षा को लेकर कई कड़े कदम उठाए गए। इसके तहत पहले 'नो हेलमेट, नो फ्यूल' नीति लागू की गई, और अब विश्वविद्यालयों में भी बिना हेल्मेट और सीट बेल्ट के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
विश्वविद्यालयों ने जारी किए आदेश
एआरटीओ डॉ. सियाराम वर्मा द्वारा जारी किए गए आदेश के बाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के कई प्रमुख विश्वविद्यालयों ने इस नए नियम को सख्ती से लागू करने का फैसला लिया है। जिन विश्वविद्यालयों ने यह आदेश जारी किया है, उनमें शामिल हैं:
- नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, ग्रेटर नोएडा
- गलगोटिया यूनिवर्सिटी, ग्रेटर नोएडा
- शारदा यूनिवर्सिटी, ग्रेटर नोएडा
- शिव नादर यूनिवर्सिटी, ग्रेटर नोएडा
- गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी, ग्रेटर नोएडा
- एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा
- जे एस एस यूनिवर्सिटी, नोएडा
- बेनिट यूनिवर्सिटी, ग्रेटर नोएडा
- जे पी इंस्टिट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, नोएडा
- सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी, ग्रेटर नोएडा
- जी एल बजाज यूनिवर्सिटी, ग्रेटर नोएडा
इन विश्वविद्यालयों के कुलपतियों द्वारा आदेश जारी किए गए हैं और सुनिश्चित किया गया है कि विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए छात्रों और कर्मचारियों को हेल्मेट और सीट बेल्ट का पालन करना अनिवार्य होगा।
सख्ती से लागू होगा नियम
एआरटीओ डॉ. सियाराम वर्मा ने बताया कि यह आदेश सभी विश्वविद्यालयों के लिए अनिवार्य होगा और इसे सख्ती से लागू किया जाएगा। यह कदम सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने और दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए उठाया गया है, और इसका उद्देश्य छात्रों और कर्मचारियों को सड़क पर सुरक्षित यातायात के लिए जागरूक करना है। नोएडा में यह नियम लागू होने से विश्वविद्यालयों में सड़क सुरक्षा की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद जताई जा रही है, जिससे दुर्घटनाओं में कमी आएगी और छात्रों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित होगा।