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नोएडा,वाईबीएन नेटवर्क : नोएडा सिटीजन फोरम (NCF) के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम से मुलाकात कर जनहित से जुड़े कई अहम मुद्दों पर बात की । फोरम ने सीईओ को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपते हुए नोएडा में बढ़ रही भिक्षावृत्ति, प्राधिकरण में पारदर्शिता की कमी और पार्किंग अनियमितताओं जैसे मुद्दों को गंभीरता से उठाया।
भीख मांगने वालों की बढ़ती संख्या को बताया शर्मनाक
फोरम ने पत्र में लिखा कि हाई-टेक और विकसित माने जाने वाले नोएडा शहर में भीख मांगने वालों की संख्या चिंताजनक रूप से बढ़ी है। सड़कों, ट्रैफिक सिग्नल्स और सार्वजनिक स्थलों पर बच्चे, गर्भवती महिलाएं नवजात को गोद में लिए महिलाएं, बुजुर्ग और स्वस्थ वयस्क तक भीख मांगते देखे जा सकते हैं जो समाज की विफलता का संकेत है। NCF ने सुझाव दिया कि इन लोगों को प्रधानमंत्री ग्रामीण कल्याण योजना और अन्य सरकारी योजनाओं के तहत रोजगार उन्मुख प्रशिक्षण देकर मुख्यधारा में लाया जाए। साथ ही इन लोगों की पृष्ठभूमि की जांच भी होनी चाहिए, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि कहीं इनमें अवैध अप्रवासी जैसे रोहिंग्या तो नहीं शामिल हैं।
प्राधिकरण में पारदर्शिता बढ़ाने की मांग
फोरम ने नोएडा प्राधिकरण में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए एक स्थायी सतर्कता अधिकारी की नियुक्ति और सिटीजन चार्टर के प्रभावी कार्यान्वयन की मांग की। उन्होंने प्रस्ताव दिया कि प्रत्येक विभाग के बाहर बड़े आकार के सूचना बोर्ड लगाए जाएं, जिन पर सतर्कता अधिकारी का नाम, संपर्क नंबर और शिकायत प्रक्रिया स्पष्ट रूप से अंकित हो। इसके साथ ही फोरम ने RTI (सूचना का अधिकार अधिनियम 2005) की कार्यशैली की समीक्षा करने और इसे अधिक जनपक्षीय और प्रभावी बनाने की भी मांग रखी।
होम्स-121 सोसाइटी में पार्किंग घोटाले की जांच की मांग
फोरम ने सीईओ को अवगत कराया कि होम्स-121 सोसाइटी में पार्किंग संबंधित गंभीर अनियमितताएं देखी गई हैं। डेवलपर AGC Realty Pvt Ltd ने सिर्फ 452 खुली पार्किंग की व्यवस्था की है, जबकि 795 से अधिक पार्किंग स्लॉट बेच डाले हैं। यह नियामक मानकों और साझा क्षेत्र के दुरुपयोग का सीधा उल्लंघन है। इससे हरित क्षेत्रों, गेस्ट पार्किंग और नियमित आवंटन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। फोरम ने इस मामले में डीड ऑफ डिक्लेरेशन की गहन जांच कर डेवलपर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। सीईओ लोकेश एम ने प्रतिनिधिमंडल द्वारा सौंपे गए सभी ज्ञापनों को स्वयं स्वीकार किया और आश्वासन दिया कि इन पर शीघ्रता से कार्रवाई की जाएगी। एनसीएफ प्रतिनिधिमंडल में कार्यकारी अध्यक्ष इंद्राणी मुखर्जी, महासचिव प्रशांत त्यागी, उपाध्यक्ष चक्रधर मिश्रा, सचिव व कार्यालय प्रभारी गरिमा त्रिपाठी, और प्रोसेनजीत मुखर्जी शामिल रहे।