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नोएडा, वाईबीएन न्यूज। नोएडा- ग्रेटर नोएडा और यमुना विकास प्राधिकरण में बिल्डिंग बायलॉज में बदलाव की तैयारी है। असल में तैयारी दरअसल यह है कि तीनों प्राधिकरणों में एक जैसे नियम कानून लागू हों ताकि कन्फ्यूजन की नौबत न आए और अलग-अलग भवन निर्माण नियमों की झंझट दूर हो सके।उत्तर प्रदेश सरकार ने तीनों औद्योगिक प्राधिकरणों में एक समान बिल्डिंग बायलॉज लागू करने का मन बना लिया है, खास बात यह भी है कि नए बिल्डिंग बायलॉज न केवल बिल्डर्स के लिए फायदे का सौदा होंगे बल्कि बायर्स को भी लाभ होगा। निर्माण प्रक्रिया आसान होगी, निवेश को बढ़ावा मिलेगा और कागजी कार्यवाही की बाधाओं में भी कमी आएगी।
बिल्डर्स और बायर्स को मिलेगी ज्यादा छूट
1 सितंबर को राज्य स्तरीय कमेटी ने नए ड्राफ्ट की समीक्षा की, जिसमें ग्राउंड कवरेज, फ्लोर एरिया रेशो (FAR), सेटबैक, बिल्डिंग की ऊंचाई, पार्किंग और हरियाली से जुड़े नियमों में बड़े बदलाव प्रस्तावित किए गए हैं। इन नए नियमों से बिल्डरों और निवेशकों को पहले से कहीं ज्यादा छूट मिलेगी।
एफएआर बढ़ने होगा यह फायदा
अब तक उद्योगों, हाउसिंग, संस्थागत और व्यावसायिक निर्माण के लिए सीमित प्रतिशत तक ही प्लॉट पर निर्माण की अनुमति थी। नए नियम लागू होने के बाद यह रोक हटा दी जाएगी। साथ ही, FAR की सीमा बढ़ने से ऊंची इमारतें बनाने और अधिक स्पेस उपलब्ध कराने का मौका मिलेगा।
कागजी अड़चनें होंगी खत्म
तीनों प्राधिकरणों में अब अलग-अलग आवेदन और अलग नियम नहीं होंगे। सभी जगह एक जैसी प्रक्रिया अपनानी होगी। इससे समय और कागजी कार्यवाही की झंझट काफी कम होगी। जुलाई में शहरी विकास प्राधिकरण और हाउसिंग बोर्ड के लिए नए नियम लागू किए गए थे। अब इन्हें नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण पर भी लागू किया जाएगा।
ड्राफ्ट को हरी झंडी का इंतजार
राज्य स्तरीय कमेटी ने ड्राफ्ट की समीक्षा कर ली है और अब सरकार की मंजूरी का इंतजार है। मंजूरी मिलते ही नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण में निर्माण कार्य आसान होंगे, निवेश बढ़ेगा और बड़े प्रोजेक्ट्स की मंजूरी तेजी से मिलेगी। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस बदलाव से रियल एस्टेट सेक्टर में नई ऊर्जा आएगी।
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