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नोएडा, वाईबीएन डेस्क। दीपावली से पहले नोएडा और ग्रेटर नोएडा की हवा एक बार फिर से जहरीली होती जा रही है। बीते तीन दिनों में हवा की गति चार किलोमीटर प्रति घंटे घटने से प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ा है। रविवार को नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 180 और ग्रेटर नोएडा का 189 दर्ज किया गया, जो ‘मध्यम से खराब’ श्रेणी में आता है। हवा में पीएम-10 कणों की मात्रा सामान्य से अधिक पाई गई, जिससे धूल और मिट्टी ने वायु की गुणवत्ता को और बिगाड़ दिया है।
सेक्टर-125 में सबसे खराब हवा
रविवार को नोएडा के सेक्टर-125 में प्रदूषण स्तर 230 एएक्यूआई दर्ज हुआ, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में है। 11 अक्टूबर को शहर की हवा सबसे ज्यादा खराब रही थी। हवा की गति अब मात्र 8 किमी प्रति घंटे दर्ज हो रही है, जबकि पहले यह 12 किमी प्रति घंटे थी। बावजूद इसके, नगर निगम की ओर से सड़कों पर नियमित पानी का छिड़काव नहीं किया जा रहा है और बिना गीला किए झाड़ू लगाने से धूल उड़ रही है। टूटी सड़कों की मरम्मत भी नहीं हो सकी है, जिससे वाहनों से उड़ती मिट्टी प्रदूषण को और बढ़ा रही है।
आरएमसी प्लांट और हॉटस्पॉट पर नहीं दिखा असर
शहर में प्रदूषण की मुख्य वजह निर्माण स्थलों से उड़ती धूल, भारी ट्रैफिक, जाम और औद्योगिक गतिविधियां हैं। कई हॉटस्पॉट क्षेत्रों में वायु प्रदूषण नियंत्रण के निर्देशों के बावजूद आरएमसी प्लांटों पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। सड़कों और हॉटस्पॉट पर पानी का छिड़काव और अन्य नियंत्रण उपाय अभी शुरू भी नहीं किए गए हैं।बढ़ता प्रदूषण बुजुर्गों, बच्चों और सांस की बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए गंभीर खतरा बनता जा रहा है।
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