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मौके पर निरीक्षण करने पहुंची प्राधिकरण की टीम
नोएडा, आईएएनएस।नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र के सेक्टर-31 में स्थित एक पुराने फ्लैट में अचानक कमरे की छत गिरने से हड़कंप मच गया। गनीमत रही कि इस हादसे में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। यह घटना 24 अगस्त को सामने आई, जब 1980 के दशक में आवंटित भवनों में से एक के कमरे की छत भरभराकर गिर गई। सूचना मिलते ही प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।
ऊपर तीन पानी की टंकियां रखी गई थीं
निरीक्षण दल में महाप्रबंधक (सिविल) एसपी. सिंह, महाप्रबंधक (नियोजन) मीना भार्गव, उप महाप्रबंधक (सिविल) और वरिष्ठ प्रबंधक (वर्क सर्किल-2) शामिल थे। जांच में पाया गया कि जिस छत के गिरने की घटना हुई, उसके ऊपर तीन पानी की टंकियां रखी गई थीं। लंबे समय से उचित रखरखाव न होने और पानी के जमाव के कारण छत कमजोर हो गई थी। पानी की टंकी का दबाव बढ़ने से छत टूटकर नीचे गिर पड़ी।
सेक्टर-31 में कुल 128 जनता फ्लैट
नोएडा प्राधिकरण की ओर से बताया गया कि सेक्टर-31 में कुल 128 जनता फ्लैट और ईडब्ल्यूएस फ्लैट बनाए गए थे। इनमें से कई भवन अब अत्यधिक जर्जर अवस्था में पहुंच चुके हैं। निरीक्षण के दौरान यह भी सामने आया कि आवंटियों द्वारा न केवल अनुरक्षण की अनदेखी की गई, बल्कि अनुमन्य नक्शे से विपरीत अधिक निर्माण कर मूल संरचना में बदलाव कर दिया गया। ऐसे अवैध बदलावों ने इमारतों की मजबूती पर सीधा असर डाला है।
जर्जर इमारतों को तत्काल खाली करने का निर्देश
प्राधिकरण ने सेक्टर-31 के एलआईजी और अन्य पुराने फ्लैटों के आवंटियों को स्पष्ट संदेश दिया है कि जर्जर इमारतों को तत्काल खाली कर दें और किसी सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट हो जाएं। अधिकारियों का कहना है कि यदि समय रहते यह कदम नहीं उठाया गया तो भविष्य में गंभीर हादसे हो सकते हैं।
समय-समय पर तकनीकी जांच कराएं
प्राधिकरण के मुताबिक, आवंटियों की जिम्मेदारी है कि वे भवनों का नियमित अनुरक्षण करें, जबकि दूसरी ओर प्राधिकरण भी ऐसे भवनों की समय-समय पर तकनीकी जांच कराए। फिलहाल, नोएडा प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि सेक्टर-31 समेत अन्य पुराने फ्लैटों में रहने वाले लोगों को चेतावनी दी जा चुकी है।