नोएडा, वाईबीएन नेटवर्क
एक महिला ने यूके के बार्कलेज बैंक में मुनाफे के लिए निवेश करने के चक्कर में 91 लाख रुपये साइबर ठगों के खाते में ट्रांसफर कर दिए। ठगों ने उसे खुद को बार्कलेज बैंक से जुड़ा हुआ बताते हुए एक ऑनलाइन निवेश ग्रुप से जोड़ा, जहां उसे फर्जी ट्रेनिंग दी गई और एक फर्जी ऐप डाउनलोड कराकर पैसे निवेश करने को कहा गया। पीड़िता ने जब अपने निवेश से 2 करोड़ 28 लाख रुपये का मुनाफा दिखने के बाद रकम निकालने का प्रयास किया, तो ठगों ने उसे 25 लाख रुपये टैक्स के तौर पर मांग लिए। जब पीड़िता ने रकम निकालने के लिए पैसा देने से इनकार किया, तो उसे बताया गया कि अगर वह टैक्स नहीं देती तो उसका खाता फ्रीज हो जाएगा। यह सब एक "एआई जनरेटेड समूह" का हिस्सा बताया गया।
साइबर ठगी का अंदेशा होने पर रिपोर्ट दर्ज
जब पीड़िता को ठगी का शक हुआ, तो उसने साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस अब इस मामले में जांच कर रही है और यह पता करने की कोशिश कर रही है कि ठगी में शामिल खातों से रकम किस-किस के पास गई।
वाट्सऐप ग्रुप से जोड़ी गई महिला और फर्जी ट्रेनिंग
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि जनवरी महीने में वह बार्कलेज के वेल्थ मैनेजमेंट के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन ब्राउज़र पर सर्च कर रही थी। इस दौरान उसे एक महिला, आस्था शर्मा से संपर्क मिला, जिसने खुद को बार्कलेज बैंक से जुड़ा हुआ बताया। आस्था ने पीड़िता से बार्कलेज के ट्रेडिंग टूल्स के बारे में बातचीत की और फिर उसे एक निवेश ग्रुप "पीडब्ल्यूएमए" से जोड़ा, जहां मुनाफा मिलने का दावा किया गया। पीड़िता को विश्वास में लेकर उसे इस फर्जी ऐप पर निवेश करने के लिए राजी किया गया।
पहले मिला मुनाफा, फिर निवेश की रकम बढ़ाई गई
पीड़िता को कुछ समय बाद मुनाफा दिखाया गया, जिससे उसका विश्वास और बढ़ गया। फिर ठगों ने उसे कहा कि सभी अन्य खातों को बंद कराकर पूरा पैसा "पीडब्ल्यूएमए" ग्रुप में निवेश कराए। पीड़िता ने कुल मिलाकर 91 लाख रुपये साइबर ठगों के खाते में ट्रांसफर कर दिए। इस दौरान उसने देखा कि उसकी रकम ऐप पर बढ़ रही थी और मुनाफा 2 करोड़ 28 लाख रुपये तक पहुंच गया।
निवेश की रकम निकालने के लिए टैक्स का दावा
जब पीड़िता ने अपनी पूरी रकम निकालने की कोशिश की, तो उसे बताया गया कि इसके लिए 25 लाख रुपये टैक्स और 16 लाख रुपये हैंडलिंग शुल्क देना होगा। ठगों ने कहा कि टैक्स नहीं देने पर उसका खाता फ्रीज हो जाएगा। इस बीच पीड़िता ने 4 मार्च को 25 लाख रुपये जमा कर दिए, लेकिन फिर भी उसे उसका पैसा वापस नहीं मिला। इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।