नोएडा, वाईबीएन नेटवर्क।
नोएडा के सोरखा गांव में पहला पुष्करिणी तालाब बनाया जाएगा। ये तालाब प्राचीन संस्कृतिक विरासतों से प्रेरणा लेकर यहां बनाया जाएगा। इसे एक पर्यटक स्थल के रुप में विकसित किया जाना है। बीते करीब छह माह से प्राधिकरण में इस तालाब को लेकर चर्चा थी। प्राधिकरण का उद्यान विभाग ने इसके लिए सलाहकार कंपनी से डिजाइन तैयार करवाया। अब से जमीन पर उतारने का समय आ गया है। प्राधिकरण ने तालाब निर्माण के लिए कंपनियों से आवेदन मांगे हैं। 17 फरवरी तक कंपनी आवेदन कर सकती है। 18 फरवरी को बिड खोली जाएगी।
पर्यटन स्थल के रूप में होगा विकसित
इसमें लो कास्ट कंपनी का चयन किया जाएगा। हालांकि निर्माण में किसी प्रकार की गुणवत्ता के साथ समझौता नहीं किया जाएगा। इस तालाब के दो फायदे होंगे। पहला ये एक पर्यटक स्थल के लिए रुप में विकसित होगा। दूसरा नोएडा के जल स्तर में गिरवाट हो रही है। ये तालाब जल स्तर को स्थिर करेगा और बढ़ाने में मदद करेगा। इस तालाब का डिजाइन सीढ़ी नुमा होगा। जिसमें पानी सीढ़ियों से आते हुए नीचे तालाब में एकत्रित होता रहेगा। इसी तालाब के बीच में एक फाउंटेन लगाया जाएगा। साथ ही यहां म्यूजिकल फाउंटेन भी लगाया जा सकता है।
10 करोड की लागत से होगा तैयार
हाल ही में एसीईओ संजय खत्री ने सोरखा का निरीक्षण भी किया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि पुष्करिणी तालाब को पर्यटक स्थल के रुप में विकसित किया जाए। साथ ही तालाब तक पहुंचने के लिए पाथ वे का निर्माण किया जाए और पार्किग का विषेश ध्यान दिया जाए। ताकि आने वाले लोगों को यहां दिक्कत न हो। इस पार्क के निर्माण में करीब 10 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। कंपनी को इसे एक साल में पूरा करना होगा।
इन पार्को के लिए भी हो चुके टेंडर
सेक्टर-62 में बने डी पार्क को नए सिरे से संवारा जाएगा। तितलियों के लिए बने बटरफ्लाई डोम को फिर से तैयार किया जाएगा। नाव चलाने के लिए वॉटर बॉडी को सही कराया जाएगा ताकि लोग बोटिंग का लुत्फ उठा सकें। यह पार्क करीब 17 एकड़ में बना है। पार्क में तितलियों को आकर्षित करने वाले पौधे लगाए जाएंगे। पार्क में म्यूजिकल फाउंटेन लगाया जाएगा और स्पेशल लाइटिंग भी होगी। नोएडा प्राधिकरण ने करीब 24 करोड़ रुपये इसके लिए पास किए है।
जापानी पार्क
जापानी संस्कृति के उन पहलुओं जिसमें प्रकृति प्रेम, शांति और अध्यात्म के गुणों से लबरेज एक थीम पार्क नोएडा प्राधिकरण बनाएगा। यहां कुछ ऐसे पेड़ पौधे मियावाकी तकनीकी से भी उगाए जाएंगे जो महज 2 से 3 साल में घने जंगल का रूप लेंगे। इस पार्क का निर्माण 7 एकड़ में सेक्टर-94 के किया जाएगा। इसके निर्माण में 10.97 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इनमें आम तौर पर ऐसे पेड़ भी होंगे जो उत्तर भारत मैदानी इलाकों में नहीं दिखाई देते। जापानी पार्क में बांस के पेड़ों की संख्या ज्यादा होगी। यहां एक पैगोडा भी बनाया जा सकता है।
आर्यमंडल पार्क
इस पार्क को आर्यभट़्ट को समर्पित किया गया है। जिसमें गणितज्ञ आर्यभट्ट के जीवन और उनकी उपलब्धियों को दर्शाया जाएगा। आर्यभट्ट को समर्तित इस पार्क सेक्टर-116 में 35 एकड़ में बनाया जाएगा। इस पार्क के निर्माण में 48.36 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस पार्क में एक तारा मंडल बनाने पर भी विचार किया जा रहा है। इसके अलावा इसमें तमाम गणितज्ञ, आचार्य और खगोलशास्त्रियों के स्कल्पर भी बनाए जाएंगे।
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