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Noida में इमारतों स्ट्रक्चर ऑडिट के लिए आएंगी निजी एजेंसियां

सोसाइटियों में स्ट्रक्चरल ऑडिट के लिए निजी एजेंसियों को शामिल करने की प्रक्रिया नोएडा प्राधिकरण ने शुरू कर दी है। बोर्ड में इस प्रस्ताव को पास कर दिया गया है। अभी तक प्राधिकरण के पैनल में आठ सरकारी एजेंसी हैं।  

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Mukesh Pandit
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नोएडा, वाईबीएन नेटवर्क।

Noida Authority सोसाइटियों में स्ट्रक्चरल ऑडिट के लिए निजी एजेंसियों को शामिल करने की प्रक्रिया नोएडा प्राधिकरण ने शुरू कर दी है। बोर्ड में इस प्रस्ताव को पास कर दिया गया है। अभी तक प्राधिकरण के पैनल में आठ सरकारी एजेंसी हैं।  

स्ट्रक्चरल ऑडिट की पॉलिसी तैयार कर बोर्ड से मंजूरी लेने के बाद 15 मार्च 2023 को नोएडा प्राधिकरण में इसको लागू कर दिया गया था। पॉलिसी के तहत 1 अप्रैल 2023 से व्यवस्था लागू की गई थी कि अधिभोग प्रमाणपत्र (कंपलीशन सर्टिफिकेट) पाने के लिए जो भी बिल्डर की तरफ से आवेदन आएगा उसको पैनल में शामिल किसी एक सरकारी संस्थान से स्ट्रक्चरल ऑडिट का सर्टिफिकेट लाना होगा। वहीं पहले से बनी ग्रुप हाउसिंग के लिए भी नियम व जिम्मेदारी स्ट्रक्चरल ऑडिट के लिए तय कर दिए गए।

नियम बनाया गया कि ग्रुप हाउसिंग या कोई भी 15 मीटर से ऊंची इमारत का अधिभोग प्रमाण पत्र लेने से पहले स्ट्रक्चरल ऑडिट का सर्टिफिकेट लगाना होगा। अगर बिल्डर यह रिपोर्ट नहीं लगाता है और आवेदन करता है तो वह आवेदन निरस्त हो जाएगा। प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि 1 अप्रैल 2023 से अब तक करीब नौ ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी के लिए प्राधिकरण ने स्ट्रक्चरल ऑडिट रिपोर्ट लेने के बाद ही अधिभोग प्रमाण पत्र जारी किया है।

क्यो नीजि एजेंसियों की पड़ रही जरुरत

वहीं सात पुरानी सोसाइटी की तरफ से ऑडिट कराने की मांग प्राधिकरण से की गई है। इन सोसाइटी में सेक्टर-93 ए सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट और यूटोपिया रेजिडेंट, सेक्टर-121 होम्स, सेक्टर-107 ग्रेट वैल्यू शरणम, सेक्टर-78 सिक्का कार्मिक, सेक्टर-52 अंतरिक्ष नेचर आदि सोसाइटी शामिल है। खास बात यह है कि पुरानी सोसाइटी में ऑडिट की जरूरत है या नहीं, इसके लिए वर्ष 2023 में एक एसीईओ की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई थी।

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इस कमेटी ने एक भी जगह जाकर सर्वे नहीं किया। एसीईओ स्तर के अधिकारियों की व्यस्तता को देखते हुए उपमहाप्रबंधक जल-सीवर, सिविल और जनस्वास्थ्य विभाग की एक टीम बनाई गई थी। इस कमेटी को बने हुए भी करीब 8-10 महीने हो गए हैं लेकिन इस कमेटी ने भी एक भी जगह जाकर सर्वे करना उचित नहीं समझा।

वर्तमान में ये आठ एजेंसियां है शामिल

प्राधिकरण ने नवंबर 2022 की 207वीं बोर्ड बैठक में बहुमंजिला इमारतों की सुरक्षा जांच के लिए एक स्ट्रक्चरल ऑडिट पॉलिसी की नीति को प्रस्तुत किया गया। इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई और लागू किया गया। पॉलिसी में अनिवार्य किया गया कि सोसाइटी एओए के अनुरोध पर इन आठ प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों द्वारा ही ऑडिट किया जाएगा। जिनमें आईआईटी कानपुर, आईआईटी दिल्ली, बीआईटीएस पिलानी, दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय दिल्ली, एमएनएनआइटी इलाहाबाद, एएमयू अलीगढ़,एमएनआईटी जयपुर और सीबीआरआई रुड़की है।  

निजी एजेंसियों को शामिल करने का प्रोसेस

प्राधिकरण ने बताया कि इसके लिए एक रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी ) जारी की जा रही है। इसकी शर्तो को आसान बनाया जाएगा। ये आरएफपी एक सलाहकार कंपनी के जरिए बनाई जाएगी। इसे जारी किया जाएगा। आरएफपी के तहत आने वाली एजेंसियों का ही चयन किया जाएगा। जिसे सरकारी एजेंसियों के साथ पैनल में शामिल किया जाएगा। बताया गया कि ऐसी करीब 10 एजेंसियों का चयन होगा। ताकि बायर्स के पास पर्याप्त आप्शन और वह स्ट्रक्चरल ऑडिट के लिए कंपनी का चयन कर सके।

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