ग्रेटर नोएडा, वाइबीएन नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अब सीवरेज की सफाई के लिए रोबोटिक मशीन की मदद लेने का निर्णय लिया है। इससे मैनहोल की सफाई को अधिक सुगम और सुरक्षित बनाने का प्रयास किया गया है। इस खास मशीन का ट्रायल ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के समक्ष सोलिनास इंटीग्रिटी नामक स्टार्टअप द्वारा किया गया। इस मशीन में लगा कटर ठोस वस्तुएं और जमा गंदगी को काटकर बाहर निकालने में सक्षम है।
सीवरेज सफाई के लिए नई तकनीक की शुरुआत
सीवरेज सफाई के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं को ध्यान में रखते हुए प्राधिकरण ने मशीनों का उपयोग बढ़ाया है। अभी तक सुपर सकर जैसी तीन तरह की मशीनों का इस्तेमाल हो रहा था, लेकिन आवासीय और औद्योगिक सेक्टरों में सीवरेज ओवरफ्लो की बढ़ती समस्या के कारण प्राधिकरण ने नई तकनीक अपनाने का फैसला लिया। इसके तहत, सेक्टर अल्फा-1 में रोबोटिक मैनहोल सफाई मशीन होमोसैप-सीवर का सफल ट्रायल किया गया।
होमोसैप-सीवर: 4 इन 1 समाधान
होमोसैप-सीवर एक रोबोटिक मैनहोल सफाई समाधान है, जिसे आईआईटी मद्रास के सहयोग से सोलिनास इंटीग्रिटी द्वारा विकसित किया गया है। यह सेप्टिक टैंक और सीवरेज सिस्टम की सफाई के लिए 4 इन 1 समाधान प्रदान करता है। इसमें ब्लेड क्लीनिंग, ठोस अपशिष्ट डिसल्टिंग, सक्शन और स्टोरेज का कार्य एक ही डिवाइस द्वारा किया जा सकता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से सशक्त निरीक्षण और सफाई
इस रोबोटिक मशीन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से सीमित स्थानों का निरीक्षण और सफाई की जा सकती है। मशीन के द्वारा भेजे गए संदेशों के आधार पर ऑपरेटर मशीन को नियंत्रित करता है। इस तकनीक से पहले जहां कर्मचारियों को सीवर में घुसकर जहरीली गैस का सामना करना पड़ता था, वहीं अब रोबोट की मदद से यह काम आसान हो जाएगा।
सीवरेज सुधार की दिशा में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने बताया कि शहर की सीवरेज व्यवस्था को नवीनतम तकनीक से सुधारने की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। रोबोटिक मैनहोल सफाई मशीन होमोसैप-सीवर का सफल ट्रायल इसके लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।