ग्रेटर नोएडा, वाईबीएन संवाददाता।
ओवरलोडिंग वाहनों पर अंकुश लगाने को लेकर जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा के निर्देश पर परिवहन विभाग के अधिकारीगण कड़ी कार्यवाही कर रहे हैं। इसी क्रम में संभागीय परिवहन अधिकारी प्रवर्तन डॉ. उदित नारायण पांडेय ने बताया कि शनिवार को सुबह से ओवर लोडिग पर कडी कार्यवाही करते हुये 7 ओवरलोड वाहनों के विरुद्ध चालान कर बादलपुर और सेक्टर 62 में निरुद्ध किया गया तथा प्रशमन शुल्क रु 6 लाख 37 हजार आरोपित किया गया।
वाहन में क्षमता से अधिक माल लादा जा रहा है
उन्होंने ओवरलोडिंग ट्रकों, मिनी ट्रकों के संचालकों एवं वाहन चालकों को बताया कि वाहन में क्षमता से अधिक माल लादने से कई गंभीर नुकसान हो सकते हैं। यह न केवल वाहन चालकों और सड़क पर चलने वालों के लिए खतरा पैदा करता है, बल्कि आर्थिक और पर्यावरणीय नुकसान भी पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि अधिक वजन के कारण ट्रक का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे ब्रेक फेल होने, टायर फटने या वाहन के पलटने की संभावना बढ़ जाती है। यह चालक और अन्य लोगों की जान को जोखिम में डालता है।
ओवरलोडिंग से सड़कों को नुकसान
ओवरलोडिंग से ट्रक के इंजन, सस्पेंशन, टायर और ब्रेक पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे वाहन जल्दी खराब हो जाता है और मरम्मत का खर्च बढ़ता है। अधिक वजन वाले वाहन सड़कों पर गड्ढे और दरारें पैदा करते हैं, जिससे सड़कें जल्दी खराब होती हैं। इससे सरकार को बार-बार मरम्मत करानी पड़ती है, जो जनता के टैक्स के पैसे का दुरुपयोग है।
ओवरलोडिंग गैरकानूनी
भारत में मोटर वाहन अधिनियम के तहत ओवरलोडिंग गैरकानूनी है। पकड़े जाने पर भारी जुर्माना( रु 20 हजार और रु 2 हजार प्रतिटन) वाहन जब्ती और चालक लाइसेन्स व परमिट निरस्तीकरण सहित अनेक कडी कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने सभी ट्रक चालकों, मालिकों और परिवहन व्यवसायियों से अपील करते हुए कहा कि वाहनों की निर्धारित क्षमता का सम्मान करें और ओवरलोडिंग से बचें।
यह न केवल आपकी और दूसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि आपके वाहन की उम्र बढ़ाएगा, सड़कों को सुरक्षित रखेगा और पर्यावरण की रक्षा करेगा। आइए, हम सब मिलकर जिम्मेदार नागरिक बनें और नियमों का पालन करें। ओवरलोडिंग से बचें, सुरक्षित भविष्य बनाएं।