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नई दिल्ली वाईबीएन डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। अदालत ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी को आदेश दिया है कि वे आईपीएस संवर्ग के तीन अधिकारियों वाली एक विशेष जांच टीम (SIT) गठित करें। यह SIT, पिछली एसआईटी द्वारा चिन्हित गंभीर मुद्दों की गहन जांच करेगी। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने आर्थिक मामलों की निगरानी के लिए मुख्य सतर्कता अधिकारी (CVO) की नियुक्त के भी आदेश दिए हैं। बोर्ड में जनता की नुमाइंदगी बढ़ाने के लिए अदालत ने नागरिक सलाहकार बोर्ड का गठन करने का आदेश भी दिया है।
एसआईटी का कार्य निर्धारण भी किया
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, नई SIT तुरंत प्रारंभिक जांच करेगी और फोरेंसिक विशेषज्ञों तथा राज्य पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को भी शामिल करेगी। यदि जांच में प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध का मामला बनता है, तो FIR दर्ज कर कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। SIT की अंतिम रिपोर्ट का प्रस्तुतिकरण, एक वरिष्ठ अधिकारी, जो पुलिस आयुक्त से नीचे के पद पर न हो, द्वारा किया जाएगा। इस रिपोर्ट की एक प्रति उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को दी जाएगी, जिसे आगे मंत्रिपरिषद में निर्णय के लिए रखा जाएगा।
मुख्य सतर्कता अधिकारी नियुक्त करे शासन
तमाम आर्थिक मामलों पर नजर रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश शासन को मुख्य सतर्कता अधिकारी नियुक्त करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने कहा है कि मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश नोएडा में मुख्य सर्तकता अधिकारी (CVO) की तत्काल नियुक्ति करें, जो या तो आईपीएस अधिकारी हों या महालेखा परीक्षक (सीएजी) से प्रतिनियुक्ति पर होने चाहिएं।