ग्रेटर नोएडा, वाईबीएन संवाददाता।
ग्रेटर नोएडा में सेफ सिटी परियोजना के तहत वर्ष 2024 में ही कैमरे लगाने का काम शुरू करने का दावा किया गया था,लेकिन अभी कंपनी का चयन तक नहीं हो पाया। दरअसल सेफ सिटी परियोजना और इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) के तहत प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों में सीसीटीवी सर्विलांस कैमरे लगाने का काम चल रहा है। यह सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है। इसके तहत ग्रेटर नोएडा को भी अत्याधुनिक कैमरों से आच्छादित किया जाना है।
357 लोकेशन पर 2300 कैमरे लगाए जाने हैं
परिचौक, एलजी चौक, अमृतपुरम, जगत फार्म सहित सभी गोलचक्कर, मार्केट और सभी प्रवेश द्वारों सहित 357 लोकेशन पर 227.60 करोड़ रुपये की लागत से 2300 कैमरे लगाए जाने हैं। पिछले लगभग दो सालों से इस परियोजना पर काम चल रहा है, लेकिन अब तक धरातल पर काम शुरू नहीं हुआ। कंपनी का चयन करने में ही काफी समय लग रहा है।
दो कंपनियों का प्रस्तुतिकरण पसंद आया
प्राधिकरण अधिकारी के मुताबिक दो कंपनियों का प्रस्तुतिकरण पसंद आया है। कैमरे लगाने से पहले अधिकारियों की एक अब टीम बंगलुरू और पुडुचेरी जाकर वहां के ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम व सीसीटीवी कैमरे से सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी मॉडल का अध्ययन करेगी। वहां की खासियत को समझने का प्रयास किया जाएगा। योजना के मुताबिक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के दफ्तर में कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा।
शहर की हर गतिविधि पर 24 घंटे नजर रखी जाएगी
इसकी मदद से शहर की हर गतिविधि पर 24 घंटे नजर रखी जाएगी। साथ ही यह भी व्यवस्था की जाएगी कि अधिकारी मोबाइल पर भी शहर की गतिविधि को देख सकें। भविष्य में मूलभूत सुविधाओं को भी कंट्रोल रूम से जोड़े जाने की तैयारी है। एनजी रवि कुमार, सीईओ, ग्रेनो प्राधिकरण ने बताया कि पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था और इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने के लिए शहर में सीसीटीवी सर्विलांस कैमरे लगाने की तैयारी चल रही है।
टीम बंगलुरू और पुडुचेरी का दौरा करेगी
इसकी सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। इसमें प्रतिष्ठित कंपनियों ने रुचि दिखाई है। परियोजना को अंतिम रूप देने से पहले अधिकारियों की टीम बंगलुरू और पुडुचेरी का दौरा करेगी। जाएगी। वहां के मॉडल का अध्ययन करने के बाद जल्द काम शुरू किया जाएगा। महत्वपूर्ण परियोजना होने की वजह से इसकी गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।