ग्रेटर नोएडा, वाईबीएन संवाददाता।
प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास उत्तर प्रदेश आलोक कुमार के साथ संयुक्त किसान मोर्चा के 14 किसान संगठनों के नेताओं की यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह की उपस्थिति में यमुना विकास प्राधिकरण के कार्यालय में हुई। महत्वपूर्ण वार्ता में 10 प्रतिशत विकसित प्लॉट दिए जाने और नए भूमि अधिग्रहण कानून के सभी लाभ सुनिश्चित किए जाने की मांग को लेकर वार्ता बहुत ही सकारात्मक रही, किसान नेताओं ने संबंधित दस्तावेजों के साथ मजबूती से किसानों का पक्ष रखा।
बैठक में किसानों के 14 घटक शामिल रहे
संयुक्त किसान मोर्चा एसकेएम में जुड़े हुए सभी 14 घटक किसान संगठनों के नेता मौजूद रहे। वार्ता बहुत ही सकारात्मक रही। एसकेएम की की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पुराने कानून के तहत जमीन लिए जाने से प्रभावित सभी किसानों को 10 प्रतिशत विकसित प्लॉट दिए जाने और शेष किसानों को भी 64.7 प्रतिशत प्लॉट दिए जाने हैं, 1 जनवरी 2014 से देश में नया कानून लागू होने के बाद जमीन लिए जाने से प्रभावित सभी किसानों को पिछले 10 वर्षों से सर्किल दरों में बढ़ोत्तरी नहीं होने के कारण पहले से ही 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी प्रत्येक वर्ष किए जाने के नियम के तहत वर्तमान में कृषि भूमि और किसानों के प्लॉट्स की सर्किल दरों में 100 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी करते हुए नए भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के अनुसार बाजार दर का 4 गुना मुआवजा, 20 प्रतिशत प्लॉट दिए जाने और सभी भूमिधर और भूमिहीन किसानों को रोजगार और पुनर्वास के सभी लाभ प्रति कुटुंब दिए जाने की मांग को लेकर हुई वार्ता में किसान नेताओं ने संबंधित दस्तावेजों के साथ मजबूती से किसानों का पक्ष रखा।
संगठनों के दावा, सकारात्मक रही वार्ता
किसानों को उम्मीद है कि अब उन्हें न्याय मिल सकेगा। इस दौरान तीनों प्राधिकरणों के अलावा विभिन्न दर्जनों अन्य परियोजनाओं से प्रभावित किसानों की परियोजनावार मांगों के बारे में जिलाधिकारी तथा एडीएमएलए और एडीएमई की उपस्थिति में जल्द ही संबंधित विभागों के साथ 10 अप्रैल से पहले वार्ताएं कराए जाने का भरोसा जिला प्रशासन की ओर से दिया गया।
इन दर्जनों परियोजनाओं में एनटीपीसी,यूपीएसआईडीसी और ईस्टर्न पेरीफेरल परियोजना, दादरी बाई पास के अलावा रेलवे और अंसल बिल्डर, हाइटेक बिल्डर, जे पी बिल्डर परियोजना तथा शिव नाडार, अंबुजा बिरला सीमेंट और सेतु निगम, बिजली और पाइप लाइन परियोजना के साथ साथ जेवर एयरपोर्ट,और डीएमआईसी तथा डीएफसीसी परियोजना शामिल हैं।