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Mahakumbh से संगम का जल पहुंचा जिला Jail में, ढोल नगाड़ों के साथ कैदियों ने किया स्वागत

महाकुम्भ में लोग स्नान कर रहे हैं, वहीं कारागार की चार दीवारियों में बंद समाज का एक वर्ग, स्नान कर चुके करोड़ों श्रद्धालुओं की संख्या में अपने आपको सम्मिलित किS जाने से कैसे और क्यों वंचित रहे। 

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Mukesh Pandit
sangam jal

Photograph: (young Bharat)

ग्रेटर नोएडा,वाईबीएन नेटवर्क।

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प्रयागराज में चल रहे महाकुम्भ में देश व दुनिया के लोग स्नान कर रहे हैं, वहीं कारागार की चार दीवारियों में बंद समाज का एक वर्ग, स्नान कर चुके करोड़ों श्रद्धालुओं की संख्या में अपने आपको सम्मिलित किये जाने से कैसे और क्यों वंचित रहे। हम भारतवासी सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय, वसुधैव कुटुम्बकम की भावना पर विश्वास करते हैं। अपनी इसी प्रवृत्ति एवं पुण्य विचार के निहित कारागार मंत्री दारा सिंह द्वारा दिए गए आदेश के अनुक्रम में व प्रमुख सचिव और पुलिस महानिदेशक के कुशल निर्देशन में शुक्रवार को महाकुम्भ से लाये गये पावन जल से बंदियों को स्नान कराये जाने के लिए निश्चित किया गया। 

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Photograph: (young Bharat)

 त्रिवेणी संगम का पावन जल कारागार लाया गया

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इसी संकल्प को सिद्ध करने के उद्देश्य से शुक्रवार को जिला कारागार गौतबुद्धनगर के अधिकारियों द्वारा विशेष तैयारियां करते हुए त्रिवेणी संगम का पावन जल कारागार पर लाये जाने की व्यवस्था की गई तथा पूर्ण श्रृद्धा भाव से विधि विधान के साथ त्रिवेणी संगम से लाये गये इस पवित्र जल को कलश में भरकर मंत्रोच्चारण के साथ पूजा अर्चना करते हुए सर्व प्रथम कलश यात्रा निकाली गई जिसमें 11 विद्वान पंडित और बंदी साथ में ढोल तासो के साथ समस्त बैरकों में गए। बंदियों के अंदर जबरदस्त उत्साह देखने को मिला जैसे जैसे कलश यात्रा जा रही थी बंदियों द्वारा पुष्प वर्षा की गई व स्पर्श कर आशीर्वाद लिया गया।

सम्पूर्ण पानी को अमृतमय किया 

 इसके पश्चात जल कुंड के पानी में पवित्र जल मिलाकर सम्पूर्ण पानी को अमृतमय किया गया। सांस्कृतिक मान्यताओं के अनुसार अमृत की एक बूंद जहां भी गिरती है वह धरा/पानी का प्रत्येक अणु और उसके आस-पास का प्रत्येक कण पूर्ण रूप से अमृतमय हो जाता है और जब यह अमृत साधु संतों एवं भक्तों के दिव्य शरीर से स्पर्श करता हैं तो इसकी महिमा ओर भी निराली और पाप नाशनी हो जाती हैं। इसी भावना के साथ त्रिवेणी संगम से लाये हुए पवित्र जल को कारागार के अधिकारियों द्वारा अहाते में स्थापित ताजे पानी से भरे कुंडों में मिलाकर बंदियों को स्नान कराया गया। साथ ही कारागार परिसर में रह रहे परिवार के लोगो को 500 बोतले जिसमें संगम का पवित्र जल था।  सको वितरित की गई।

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