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Noida City Bus Terminal के इंटीरियर में हो सकता है बदलाव, बोर्ड में आएगा प्रस्ताव, तैयार किया जा रहा खाका

सेक्टर-82 बस टर्मिनल की खाली पड़ी इमारत को किराए पर देने की तैयारी है। इसमें अस्पताल का संचालन किया जाएगा। ऐसे में इस इमारत के इंटीरियर में बदलाव करने की तैयारी की जा रही है।

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Mukesh Pandit
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Photograph: (young Bharat)

नोएडा, वाईबीएन नेटवर्क

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सेक्टर-82 बस टर्मिनल की खाली पड़ी इमारत को किराए पर देने की तैयारी है। इसमें अस्पताल का संचालन किया जाएगा। ऐसे में इस इमारत के इंटीरियर में बदलाव करने की तैयारी की जा रही है। प्राथमिक इंटीरियर में मरीजों की ओपीडी, वार्ड और तीमारदारों के लिए अलग-अलग सेक्शन, चढ़ने उतरने के लिए एक्सीलेटर जैसे बदलाव किए जा सकते है। प्लान है कि इस इमारत के अंदर और बाहर ऐसे बदलाव किए जाए जिससे टर्मिनल से इसको अलग किया जा सके। 

अलग से एंट्री और एग्जिट गेट दिया जाएगा

एक अधिकारी ने बताया कि अस्पताल के लिए अलग से एंट्री और एग्जिट गेट दिया जाएगा। यही से मरीज और एंबुलेंस का प्रवेश होगा। टर्मिनल की ओर से कोई एंट्री नहीं होगी। इस पूरे इंटीरियर डिजाइन को बोर्ड में प्रस्ताव के रुप में लाया जाएगा। बोर्ड मैंबर इस प्रस्ताव को हरी झंडी देते है तो यहां बदलाव किया जाएगा। दरअसल प्राधिकरण इस सिटी बस टर्मिनल में अस्पताल का संचालन करना चाहता है। साथ ये भी चाहता है कि यहां टर्मिनल भी संचालित होता रहे। ऐसे में बिना इंटीरियर बदले संभव नहीं है। 

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कंपनियों से आवेदन मांगे

बतौर अस्पताल संचालन के लिए प्राधिकरण ने आरएफपी जारी कर कंपनियों से आवेदन मांगे थे। बस टर्मिनल के लिए 4 कंपनियां आई थी। ये कंपनियां अपने सुझाव दे रही है।  ये चारों कंपनियां अस्पताल से संबंधित है। ये तो लगभग तय हो गया है कि इस बस टर्मिनल की इमारत में अस्पताल का ही संचालन किया जाएगा। इसमें जो भी कंपनियां आएंगी। वो अपना प्रपोजल प्राधिकरण को देंगी। उसमे से किसी एक कंपनी को चयनित किया जाएगा।  

बिल्डिंग बॉयलॉज में किया जा सकता है बदलाव

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प्राधिकरण ने बताया कि टर्मिनल इमारत का बॉयलॉज ट्रांसपोर्ट यूज के लिए है। ऐसे में प्रपोजल पसंद आने और अप्रूव होने के बाद ही इसका इसका बिल्डिंग बॉयलॉज बदला जाएगा। बॉयलॉज बदलने की प्रक्रिया बोर्ड से की जाएगी। अभी इस इमारत में परिवहन निगम के अलावा एक साइबर क्राइम पुलिस का दफ्तर खुला हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि अब इसको अब किराए पर दिया जाएगा। सिटी बस टर्मिनल 30 हजार 643 वर्ग मीटर एरिया में बना हुआ है जिसमें से 13 हजार 532 वर्ग मीटर एरिया बिल्टअप है यानि इतने हिस्से में निर्माण हो रखा है।

तीन साल से चल रही सिर्फ 4 बस

 इमारत तैयार होने के बाद प्राधिकरण ने इसे हैंडओवर करने के लिए परिवहन निगम से संपर्क किया था। लेकिन निगम ने पूरी इमारत टेकओवर करने से ही इंकार कर दिया था। खानापूर्ति के लिए दादरी और बुलंदशहर के लिए 4 बसें चलवानी शुरू की। दावा किया था इन बसों की संख्या बढ़ाकर 50 की जाएगी लेकिन तीन साल बाद भी 4 बसें ही टर्मिनल से चल रही हैं।  

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सिटी बस टर्मिनल का काम जनवरी 2015 में शुरू हुआ था। इसकी पहली डेडलाइन जुलाई 2016 थी लेकिन जमीन विवाद और मामला न्यायालय में चले जाने के कारण काम रुक गया। इसके बाद इसका काम सितंबर 2022 में जाकर पूरा हुआ। ये 157 करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार हुई थी।

दो हिस्सों में बंटी है इमारत

सिटी बस टर्मिनल इमारत दो हिस्सों में बंटी हुई है। एक हिस्से में बेसमेंट के अलावा तीन दो हैं जबकि दूसरे हिस्से में तीसरे से आठ तल तक का हिस्सा बना हुआ है। बेसमेंट में 522 कार खड़ी करने की पार्किंग है।  भूतल पर बस संचालन का एरिया संचालित हो रहा है जिसमें 40 बस पार्किंग के अलावा 100 कार व टैक्सी पार्किंग की सुविधा है। इनके अलावा स्वागत कक्ष, बुकिंग सेंटर, ऑफिस, प्रतीक्षालय, कॉरिडोर व फूड कोर्ट के लिए स्थान आरक्षित हैं। प्रथम तल पर दुकान, ऑफिस, फूड कोर्ट और लाइब्रेरी कमरा बना हुआ है। द्वितीय तल पर यात्री निवास, साइबर कैफे, फूड कोर्ट, काउंटर और प्रतीक्षालय एरिया बना हुआ है।

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