नोएडा, वाईबीएन संवादादाता।
नोएडा की साइबर क्राइम पुलिस ने दो साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। इन ठगों ने मार्च -2025 में पीड़ित से लोन दिलाने के नाम पर 5 लाख 25 हजार रुपए की धोखाधड़ी की थी। पीड़ित को एसयूवी-700 कार लेनी थी। इस सिलसिल में दोनों ठगों ने फाइनेंसर बताकर पीड़ित से चेक लेकर, चेक पर मैजिक पेन से हस्ताक्षर कराकर ठगी की। इनकी पहचान राजीव धींगरा और प्रेम प्रकाश सिंह हुई है।
पीड़ित ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दी
डीसीपी साइबर प्रीति यादव ने बताया कि 24 मार्च को पीड़ित ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दी। शिकायत में बताया कि पीड़ित ने एसयूवी-700 कार खरीदने के लिए कई डीलरों से संपर्क कर कोटेशन लिया। इस क्रम में 01 साइबर अपराधी राजीव ढीगरा ने पीड़ित से स्वयं का नाम आशीष बताकर व अपने को फाइनेंसर बताकर संपर्क किया। साथ ही अपने को कई डीलरों से परिचय होना बताकर गाडी का फाइनेंस कराकर जल्दी डिलीवरी दिलवाने का झांसा दिया गया।
दो चेक एकाउंट पे के
उसके बाद राजीव ढीगरा पीड़ित के घर अपने 01 अन्य साथी प्रेम प्रकाश सिह को अंकित नाम से परिचय देकर ले गया। पीड़ित से लोन करने के नाम पर 01 कैंसिल चेक व 02 अन्य चैक 34265-34265 रुपये के लिए। जिन चेकों पर पीड़ित से मैजिक पेन से हस्ताक्षर करवा लिए। ये दो चेक एकाउंट पे के थे। इसके बाद मेजिक पेन से ही अकाउंट पे मिटाकर चेक में सेल्फ पे अंकित कर लिया। साथ चेक के पीछे पीड़ित के फर्जी हस्ताक्षर बना दिए। फर्जी मोहर लगाकर 5,25,000 रुपये एसबीआई बैंक की शाखा बल्लभगढ हरियाणा से निकाल लिए गए।
पीड़ित के सोसाइटी एवं बैंक की सीसीटीवी फुटेज व इलैक्ट्रॉनिक साक्ष्य प्राप्त किये गये। लोकल इंटेलिजेंस एवं गोपनीय सूचना के आधार पर कार्यवाही करते हुए गुरुवार को एक आरोपी राजीव ढीगरा को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के आधार पर अभियोग में धारा 238 बीएनएस की बढोतरी की गयी। घटना में सम्मिलित दूसरे आरोपी प्रेमप्रकाश सिंह को भी गिरफ्तार किया गया।
ऐसे लिया फर्जी सिम
पूछताछ में बताया गया कि उनके द्वारा झांसे से प्राप्त किए गए चेक में अंकित अमाउंट एवं अन्य विवरण को मैजिक पेन से मिटाकर उस चेक में 5,25,000 रूपये अंकित किया। चैक को सेल्फ पे किया गया एवं पीड़ित के फर्जी हस्ताक्षर बनाए। जिसको एसबीआई की बल्लभगढ़ हरियाणा शाखा में लगाकर नगद 5,25,000 रूपये निकाल लिए गए। पूछताछ में उनके द्वारा यह भी बताया गया की उनके द्वारा गूगल के माध्यम से किसी का आधार कार्ड प्राप्त किया गया। जिस पर मॉर्फीग कर फोटो बदलकर बिना बायोमेट्रिक के सिम प्राप्त कर लिया गया।
साक्ष्य मिटाने के लिए नदी में फेंका
फिर फर्जी सिम को सेकेंड हेंड मोबाइल फोन में डालकर पीड़ित से वार्ताकर घटना को अंजाम दिया गया। लेन देन के सम्बन्ध में पीड़ित को जानकारी न हो इसके लिए एयरटेल के कस्टमर केयर को फोन करके फोन को बंद करा दिया गया तथा घटना के बाद अपराध में प्रयोग किए गए मोबाइल फोन, मैजिक पेन आदि तोड़कर हिंडन नदी के पास फेंक दिया गया था।