/young-bharat-news/media/media_files/2025/02/13/wqeKY6HS17fI7DFVedcT.jpg)
/
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
ग्रेटर नोएड, वाईबीएन नेटवर्क
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक प्राधिकरण के सेक्टर-11 में सिंगापुर और दुबई की तर्ज पर फिनटेक सिटी विकसित करने की योजना चल रही है। फिनटेक सिटी की स्टडी और डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) कुशमैन एंड वेकफील्ड इंडिया ने तैयार कर लिया है। आगामी बोर्ड बैठक में परीक्षण के लिए डीपीआर रखा जाएगा। जिसमें निर्णय लिया जाएगा कि फिनटेक पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जाए या फिर भूखंड सेक्टर-11 में प्राधिकरण में 800 एकड़ जमीन उपलब्ध है।
डीपीआर के अनुसार फिनटेक को तीन चरणों में विकसित किया जाएगा। पहला चरण 2027 और दूसरा चरण 2030 और तीसरा चरण 2034 तक विकसित किया जाएगा। फिनटेक सिटी पहले चरण में 250 एकड़ में विकसित किया जाएगा। इसके अलावा 37 भूखंड कामर्शियल गतिविधि के लिए होंगे। 23 एकड़ में फिनटेक सिटी में ग्रीन पार्क विकसित किया जाएगा। फिनटेक सिटी को सिंगापुर और दुबई की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। फिनटेक में वित्तीय कारोबार के साथ-साथ कम्युनिटी इंगेज सिस्टम भी विकसित किया जाएगा। जिसमें वित्तीय कारोबारी को लेकर जागरूक भी किया जाएगा। फिनटेक सिटी विकसित होने पर लाखों लोगों के रोजगार मिलने की संभावना है।
यीडा सिटी में विकसित होने वाली नार्थ इंडिया की प्रथम फिनटेक सिटी में अंतरराष्ट्रीय स्तर की कंपनियों को लाने का प्रयास किया जाएगा। वित्तीय कारोबार से जुड़ी कंपनियों को भूखंड आवंटित किए जाएंगे। इसे सिंगापुर और दुबई की फिनटेक सिटी की तरह विकसित करने की योजना है। फिनटेक सिटी में ऑनलाइन बैंकिंग, निवेश, रिसर्च, क्राॅउड फंडिंग, डिजिटल मनी, स्टॉक एक्सचेंज, बीमा कंपनियां, शॉपिंग सेंटर, ई-पेमेंट गेटवे प्लेटफॉर्म, क्रप्टो करेंसी, जैसी निजी व सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं को भूखंड आवंटित किए जाएंगे। इसमें लीगल कंपेलन, एडवाइजरी इंस्टीट्यूट का भी निर्माण किया जाएगा। डॉक्टर अरूणवीर सिंह, मुख्य कार्यपालक अधिकारी, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने बताया कि प्राधिकरण का प्रयास फिनटेक सिटी में वित्तीय कारोबार से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर की कंपनियों को लाने का प्रयास है। फिनटेक सिटी को बसाने के लिए यमुना प्राधिकरण चार मॉडल पर विचार कर रहा है। एकल या एकाधिक आवंटियों को भूमि देने और सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल या हाइब्रिड जैसे वित्तीय माडॅल पर विकास किया जा सकता है।