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Yida Officials ने किसानों ने सस्ती दर पर जमीन खरीदकर महंगी बेची, 29 पर दर्ज था मुकदमा

यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों की मिलीभगत से हुए 23.92 करोड़ रुपये के हाथरस जमीन घोटाले में तत्कालीन ACEO और हिमालय इंफ्रा कंपनी के निदेशक के खिलाफ कमिश्नरेट पुलिस ने न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल कर दिया है।

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Mukesh Pandit
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Photograph: (File)

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ग्रेटर नोएडा, वाईबीएन संवाददाता। 

यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों की मिलीभगत से हुए 23.92 करोड़ रुपये के हाथरस जमीन घोटाले में तत्कालीन अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी और हिमालय इंफ्रा कंपनी के निदेशक के खिलाफ कमिश्नरेट पुलिस ने न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। जल्द ही दो अधिकारियों समेत तीन अन्य के खिलाफ भी आरोपपत्र दाखिल किए जाएंगे। अबतक केस में नामजद 12 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल हो चुके हैं। मामले के विवेचक एसीपी प्रथम नोएडा जोन प्रवीण कुमार सिंह ने इसकी जानकारी दी। 

प्राधिकरण अफसरों पर आरोप

साल 2019 में बीटा टू थाने में यमुना विकास प्राधिकरण के तत्कालीन सीईओ पीसी गुप्ता, एसीईओ सतीश कुमार, ओएसडी वीपी सिंह समेत 29 के खिलाफ धोखाधड़ी से लेकर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें आरोप है कि जब यमुना विकास प्राधिकरण हाथरस जिले की जमीन को विकसित करने के लिए खरीद रहा था। तब प्राधिकरण के अधिकारियों ने मिलीभगत कर अधिग्रहण से पहले अपने परिचितों व रिश्तेदारों के माध्यम से वहां की जमीन किसानों से खरीदवाई गई। 

तत्कालीन OSD के रिश्तेदार की भूमिका

इसमें हिमालय इंफ्राटेक के निदेशक विवेक जैन समेत तत्कालीन ओएसडी के रिश्तेदार संजीव समेत अन्य की भूमिका थी। इन लोगों ने जमीन काश्तकारों से नहीं खरीदी।  पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि इस मामले में प्राधिकरण के अधिकारी व बिल्डर कंपनी के लोग मिले हुए थे। इससे शासन को करोड़ों राजस्व का नुकसान हुआ। इस मामले की जांच धीरे धीरे धीमी हो गई थी। बाद में इस मामले की जांच एसीपी प्रथम प्रवीण सिंह को दी गई। 

इंफ्रा कंपनी के निदेशक हुए थे गिरफ्तार

एसीपी की विवेचना के बाद हिमालय इंफ्रा कंपनी के निदेशक विवेक कुमार जैन को बीते माह आठ जनवरी को गिरफ्तार कर लिया गया। वह वर्तमान में मेरठ जेल में बंद है। अब इस मामले में तत्कालीन उप मुख्य कार्यपालक अधिकारी और विवेक कुमार जैन के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति प्राप्त होने पर आरोपपत्र दाखिल किया गया है। इस मामले में अभी कई अधिकारियों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।

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