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YBN PALAMU:-
घटना की सूचना पर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। लेस्लीगंज थाना पुलिस भी घटनास्थल पहुंची। काफी समय तक स्थानीय लोगों ने पुलिस प्रशासन को शव निकालने से रोक दिया। लोग बच्चा की हत्या के बाद शव को कुएं में फेंकने की आशंका जाता रहे थे। जिससे लोगों के बीच काफी आक्रोश का माहौल बन गया। घटना को लेकर लोग उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे थे। थाना प्रभारी उत्तम कुमार राय के काफी समझाने बुझाने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए कुआं से निकल गया। इस संबंध में थाना प्रभारी ने बताया कि मंगलवार को बच्चा के परिजनों की शिकायत पर थाना में अपहरण का मामला दर्ज किया गया था। बच्चा को खोजने के लिए खोजी कुत्ते भी बुलाए गए थे। इधर शव देखने से प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि बच्चा खेलने के क्रम में कुआं में गिरा है। कुआं आहार के सतह के बराबर में है। जिसमें कोई गार्ड वाल नहीं है। बताया कि बच्चा के शरीर पर किसी तरह का कोई जख्म का निशान भी नहीं है। अब पोस्टमार्टम के बाद मामला पूरी तरह से स्पष्ट हो पाएगा।
: पतंग उड़ाने घर से निकला था बच्चा
विवेक वर्मा वर्ग 3 का छात्र था। जो सोमवार की दोपहर करीब 1:00 पतंग उड़ाने अपने घर से निकला था। शाम तक घर नहीं लौटा तो उसकी खोज शुरू हुई। इधर जिस कुएं में बच्चा का शव मिला है उससे 200 मीटर की दूरी पर पतंग को पाया गया।
: स्वजन एवं ग्रामीणों ने जताया हत्या किया आशंका
कुएं में शव देखने के बाद लोगों ने हत्या कर कुएं में फेंकने की आशंका जताई है। लोगों का मानना है कि कुंदरी गांव के ग्रामीण गांव के सभी कुएं को झगड़ लगाकर बच्चे की खोज किए थे। जिस कुएं में शव मिला है, उसमें मंगलवार को चार बार झगड़ लगाया गया। कुआं से प्लास्टिक बोतल और कचरा निकाला। यदि बच्चा होता तो वह जरूर मिल जाता। ग्रामीणों का शंका है कि किसी ने बच्चा को मार कर रात्रि में कुएं में डाल दिया है।
: पुत्र के तैरते शव पर पिता की पड़ी सबसे पहली नजर
विवेक के पिता रामप्रवेश वर्मा पानीपत में काम करते हैं। बच्चे गुम होने की सूचना के बाद में पानीपत से अपने घर के लिए रवाना हुए थे। बुधवार की सुबह घर पहुंचते ही वे बच्चे की खोज में बाहर निकल गए। घर से करीब 300 मीटर की दूरी पर आहार में बने कुएं देखने लगे। इसमें एक कुएं में बच्चा का तैरता हुआ शव देख रोने चिल्लाने लगे।
: 12 साल पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना
स्वजनों ने बताया कि वर्ष 2012 में इन्हीं के चचेरा भाई पैरू उर्फ सत्येंद्र महतो के बेटे के साथ भी ऐसी ही घटना हुई थी। सत्येंद्र के 11 वर्षीय पुत्र भी इसी तरह गुम हुआ था। जिसका शव 3 दिनों के बाद कुएं में बरामद हुई थी।
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