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DC PALAMU Photograph: (Original)
YBN PALAMU:-
जिला समाहरणालय सभागार में सोमवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों की समीक्षा के उपायुक्त ने संस्थागत प्रसव के प्रस्तुत किये गए आकड़ों में भिन्नता पर कड़ी नाराजगी जताई। कहा कि प्रस्तुत आकडों में संस्थागत प्रसव का 62% बताया गया है, जबकि दो दिन पहले यह आकड़ा 40 प्रतिशत तक था। उपायुक्त ने दो दिनो के अंदर सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं का प्रसव की सांगोपांग रिर्पोट प्रस्तुत करने का सख्त निर्देश दिया। कहा कि यहां गए थे, वहां गए थे, ऐसा, वैसा रिपोर्ट नहीं चलेगा। स्पष्ट रूप से बताया जाना चाहिए कि किस सरकारी अस्पताल मे कितना संस्थागत प्रसव कराया गया है। उन्होंने विशेषकर संस्थागत प्रसव की कमी पर नाराजगी जताई। उन्होंने गर्भवती महिलाओं के लिए शत प्रतिशत एएनसी कवरेज सुनिश्चित करने व स्वास्थ्य केंद्रों में बेहतर बुनियादी व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। साथ ही सभी चिकित्सा पदाधिकारियों, बीपीएम व डीपीएम को स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाने की बात कही। इसके अलावा
निजी वैध क्लिनिक व स्वास्थ्य केंद्रों में होने वाले प्रसव का डेटा संग्रह भी करना सुनिश्चित करने व अवैध/बिना निबंधन के क्लिनिक या अस्पतालों का संचालन पर कड़ी कार्रवाई करना सुनिश्चित करने को कहा गया। कहा कि अवैध निजी क्लिनिक व अस्पतालों की जांच के लिए चिकित्सा पदाधिकारी खुद सक्षम हैं। समीक्षा के दौरान स्पष्ट रूप से कहा कि अस्पतालों में दवा, बिजली, पेयजल, शौचालय, रंगरोगन, चारदीवारी आदि बुनियादी सुविधाओं की कमी की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। बगैर जरूरत वाली सामग्री की खरीद नहीं होनी चाहिए। उपायुक्त ने बीडीओ के साथ समन्वय कर आंगनबाड़ी सेविका, सहिया के माध्यम से गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच कराने हेतु जागरूक करते हुए उनका शत प्रतिशत जांच व संस्थागत प्रसव सुनिश्चित कराने का निदेश दिया। बैठक में सिविल सर्जन डा. अनिल कुमार श्रीवास्तव, जिला आरसीएच पदाधिकारी डा. विजय सिंह, प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी, डीपीएम, बीपीएम आदि उपस्थित थे।